श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को विमुक्ति के पश्चात नियमानुसार बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थापित किया गया है तथा सभी दोषी नियोजकों के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है । साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सभी नियोजकों से प्रति बाल श्रमिक बीस हजार रुपया की राशि की वसूली की भी कारवाई की जा रही है । अभी तक 14 नियोजकों से बीस हजार रुपए की जुर्माना राशि की वसूली कर जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष के खाते में जमा करवाया जा चुका है। जबकि, राशि जमा नहीं करने वाले नियोजकों के विरुद्ध नीलम पत्र वाद दायर किया गया है । श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि विमुक्त बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता राशि के रूप में तीन हजार रुपया तथा माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से पच्चीस हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है। जिसे उनके 18 वर्ष की आयु पूरी करने की अवधि तक का सावधि जमा कराया जाता है। ताकि, वो उक्त राशि का भविष्य में अपने हित में उपयोग कर सकें । श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया की एक अप्रैल 2022 से अब तक 23 बाल श्रमिकों को तीन-तीन हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि प्रदान की गई है तथा शेष हेतु आवंटन की मांग की गई है। जबकि, 15 बाल श्रमिकों को 25000 रुपया माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त हो चुका है तथा पांच बाल श्रमिकों का आवंटन अभी प्राप्त नहीं हुआ है। दो बाल श्रमिकों के लिए आवंटन की मांग की जा रही है ।
जिलाधिकारी के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं पुनर्वास हेतु श्रम अधीक्षक एवं उनकी धावा दल टीम के कार्यों की सराहना की गई तथा श्रम अधीक्षक को निदेश दिया गया कि वे अपने धावा दल टीम को लगातार सक्रिय रखकर सप्ताह में कम से कम एक दिन धावा दल का संचालन अवश्य कराएंगे। जिसमे जिला बाल संरक्षण इकाई, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी निश्चित रूप से शामिल होंगे । जिलाधिकारी के द्वारा श्रम अधीक्षक को निर्देशित किए गया कि जिला के साथ साथ धावा दल का गठन एवं संचालन प्रखंड स्तर पर भी करवाएं तथा हर प्रखंड में माह में काम से कम एक दिन प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, संबंधित थाने के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ प्रखंड में धावा दल के माध्यम से बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल चलवाने का निदेश दिया गया। श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि विमुक्त कराए गए सभी बाल श्रमिकों की प्रविष्टि श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से बनवाए गए चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम (CLTS) पोर्टल पर प्रविष्टि की जाती है तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा उनके पुनर्वास से संबंधित प्रविष्टि की जाती है एवं बाल कल्याण समिति के द्वारा सभी बच्चों का एस आई आर रिपोर्ट तैयार किया जाता है।
जिलाधिकारी के द्वारा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई को सीएलटीएस पोर्टल पर दर्ज सभी बाल श्रमिकों का पुनर्वास से संबंधित रिपोर्ट तथा एस आई आर रिपोर्ट एक पक्ष के अंदर तैयार कर लेने का निदेश दिया गया । जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्वशिक्षा अभियान को पिछले वित्तीय वर्ष एवं इस वित्तीय वर्ष में विमुक्त सभी 43 बाल श्रमिकों को उनके आवास के नजदीकी आवासीय विद्यालय के नामांकन करवाकर यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि वे बच्चे नियमित रूप से स्कूल अवश्य जाएं । उन्होंने नामांकन से संबंधित प्रतिवेदन एक पक्ष के अंदर श्रम अधीक्षक कार्यालय एवं जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में उपलब्ध कराने का निदेश दिया । उन्होंने निर्देश दिया कि यदि किसी बाल श्रमिक का परिवार भूमिहीन है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर अभियान बसेरा के तहत अपर समाहर्ता जमीन उपलब्ध करवाएंगे तथा मकान की आवश्यकता होने पर उप विकास आयुक्त इंदिरा आवास/प्रधानमंत्री आवास/मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे परिवारों को चिन्हित कर आवास दिलवाना सुनिश्चित करेंगे । जिलाधिकारी द्वारा नगर आयुक्त एवं सभी नगर परिषद/नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारियों को मधुबनी नगर निगम एवं अन्य नगर परिषद/नगर पंचायतों के सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के मालिकों से एक बाल श्रम के विरुद्ध शपथ पत्र भरवाने तथा सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में "बाल श्रम मुक्त परिसर " का एक स्टिकर लगवाने का निदेश भी दिया गया है।
श्रम अधीक्षक ने बताया कि राज्य कार्य योजना 2017 के आलोक में जिला टास्क फोर्स के अलावा सभी प्रखंडों एवं पंचायतों में भी बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं पुनर्वास के अनुश्रवण हेतु टास्क फोर्स का गठन किया जाना है। जिसके आलोक में मधुबनी जिले के सभी 21 प्रखंडों में टास्क फोर्स का गठन हो चुका है तथा सभी पंचायतों में टास्क फोर्स के गठन हेतु सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र प्रेषित कर निर्देशित किया गया है तथा पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन प्रक्रियाधीन है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी के द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को मधुबनी जिले के सभी पंचायतों में एक माह के अंदर पंचायत टास्क फोर्स का गठन करवाने का निदेश दिया तथा गठन से संबंधित सूचना एवं दस्तावेज श्रम अधीक्षक कार्यालय एवं जिला बाल संरक्षण इकाई में उपलब्ध करवाने का निदेश दिया गया है। उन्होंने बैठक में उपस्थित अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को सभी विमुक्त बाल श्रमिकों एवं उनके परिवारों को एक माह के अंदर हेल्थ कार्ड/आयुष्मान कार्ड बनवाने का निदेश भी दिया है। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त, विशाल राज, नगर आयुक्त अनिल चौधरी, श्रम अधीक्षक, राकेश रंजन, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) सह नोडल पदाधिकारी मानव व्यापार विरोधी इकाई, प्रभाकर कुमार तिवारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, शैलेंद्र कुमार, प्रभारी सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई साहेब रसूल, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान कुंदन कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आर के सिंह, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सर्वो प्रयास संस्थान से निर्मला कुमारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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