बिहार : पश्चिम बंगाल की चुनावी हिंसा से लोकतंत्र लहूलुहान, चुप्पी तोड़ें नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 9 जुलाई 2023

बिहार : पश्चिम बंगाल की चुनावी हिंसा से लोकतंत्र लहूलुहान, चुप्पी तोड़ें नीतीश

  • लालू-राबड़ी राज में ऐसे ही होती थी बिहार में चुनावी हिंसा
  • कभी बूथ लूटते गिरफतार हुए थे बिहार सरकार के 12मंत्री
  • लालू-ममता के लिए बूथ लूट ही लोकतंत्र, ईवीएम से बंद हुई धांधली

Sushil-modi-attack-nitish
पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में खुल करबमबाजी,आगजनी और बूथ लूट की घटनाओं से लोकतंत्र लहूलुहान हो रहा हैं. 50 से ज्यादा लोगों की जान गई, लेकिन नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं. श्री मोदी ने कहा कि बंगाल के हालात लालू-राबड़ी शासित बिहार की चुनावी हिंसा की याद ताजा कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि लालू राज में जब अंतिम बार पंचायत चुनाव हुए थे, तब 150से अधिक लोग मारे गए थे. श्री मोदी ने कहा कि लालू राज में चुनावी हिंसा और बूथ लूट के बिना कोई चुनाव ही नहीं होता था। ऐसा भी चुनाव हुआ, जब बिहार सरकार के 12मंत्री बूथलूट के आरोप में गिरफ्तार हुए थे. उन्होंने कहा कि तत्कालीन चुनाव आयुक्त टीएन शेषन और बाद में आयोग के पर्यवेक्षक केजे राव की सख्ती से यहाँ चुनावी हिंसा पर लगाम लगी. श्री मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी और लालू प्रसाद के लिए बूथ लूट ही लोकतंत्र है। ईवीएम से लोकतंत्र मजबूत हुआ और बूथलूट बंद हुई, इसलिए ये लोग इस पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल में केवल भाजपा के नहीं, विपक्षी खेमे के दो प्रमुख दलों (कांग्रेस, माकपा) के कार्यकर्ता भी मारे जा रहे हैं.नीतीश कुमार में हिम्मत हो, तो ममता बनर्जी से बात कर हिंसा बंद करायें.उन्हें ममता राज में लोकतंत्र की हत्या नहीं दिखती. आशुतोष कुमार राय का कहना है कि पश्चिम बंगाल पर बहुत जल्दी जुबान खुल गया महोदय.मणिपुर हिंसा पर अभी तक जुबान बंद ही है.मणिपुर के ऊपर भी कुछ बोलिए.अच्छा लगेगा.

कोई टिप्पणी नहीं: