- ’नहरों से पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश, ’फसलों के आच्छादन पर सतत निगरानी रखें
गया। जिला पदाधिकारी, गया की अध्यक्षता में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक समाहरणालय सभाकक्ष, गया में सम्पन्न हुई। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि माह जुलाई में 288.90 मि०मी० के विरुद्ध अभी तक 125.45 मिमी वर्षा हुई है। खरीफ मौसम में माह जून एवं जूलाई में कुल वर्षापात 429.60 मि०मी के विरुद्ध 163.95 मि०मी वर्षा हुई है। सबसे अधिक टिकारी प्रखंड में वर्षा हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि माह जून के अन्तिम सप्ताह से वर्षा की स्थिति सामान्य रही है जिससे किसानों के द्वारा बिचड़ा गिरा लिया गया है। परन्तु अभी तक धान की रोपनी के लिए पर्याप्त वर्षा नही हुई है, जिससे जिले में धान की रोपनी कार्य प्रभावित है। जिले में धान आच्छादन का लक्ष्य 190186.60 हे० है जिसके विरुद्ध लगभग 3603 हे० में धान रोपनी हुई है। सबसे ज्यादा टिकारी प्रखंड में 1046 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है। यह रोपनी सोन उच्च स्तरीय नहर से प्राप्त होने वाली सिंचाई सुविधा से हुई है। जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि प्रखंडवार रोपनी की वास्तविक स्थिति का जायजा क्षेत्रवार निरीक्षण कर प्राप्त करें साथ ही निरीक्षण के दौरान किसानों से रोपनी में आने वाली समस्याओं की हर हाल में जानकारी लें।उन्होंने कहा कि आज से ही अपने सभी कृषि विभाग के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी ,कृषि समन्वयक सहित अन्य तमाम कृषि से जुड़े पदाधिकारियों को उनके क्षेत्र में भेज कर किसानों रूबरू होते हुए रोपनी में क्या समस्याएं हैं पानी की क्या समस्या है इत्यादि के बारे में विस्तार से जांच करेंगे। जिला पदाधिकारी ने विभिन्न प्रमंडल अंतर्गत नहरों, तालाबों, नदियों में पानी की स्थिति की पृच्छा की गयी। सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल, टिकारी ने बताया कि उनके नहर में पानी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है जिससे टिकारी एवं कोच तक के किसानों को पानी का लाभ मिल रहा है। सोन उच्चस्तरीय कुर्था प्रमंडल ने बताया कि 12 जुलाई से उनके नहर में पानी प्रवाहित हो रहा है, अगले 1 सप्ताह में रोपनी काफी तेजी से कार्य होगा। कार्यपालक अभियंता, तिलैया ढ़ाढ़र नहर प्रमंडल, वजीरगंज ने बताया कि उनके प्रमंडल अन्तर्गत महुयेन नहर में 20 किलोमीटर के एवज में मात्र 8 किलोमीटर में पानी पहुँचा है। मोराताल बतसपुर में पर्याप्त पानी का बहाव है। कार्यपालक अभियंता, सिंचाई प्रमंडल ने बताया कि लीलांजन सिंचाई परियोजना के तहत मुख्य नहर में 27.5 किलोमीटर के एवज में मात्र 16 किलोमीटर कैनाल में पानी पहुँचा है। मोरहर नदी में जल स्त्राव नहीं होने के कारण अपर मोरहर एवं लोअर मोरहर नहर में पानी नहीं पहुँचा है। सभी सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक/सहायक अभियंताओं को निर्देश दिया गया कि वे अपने प्रमंडल से संबंधित जलाशयों में उपलब्ध पानी का अधिकतम सदुपयोग करते हुए किसानों को अधिकतम सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएं ताकि किसानों को रोपनी कार्य में सहायता मिल सके। कार्यपालक अभियंता विद्युत गाँव में अधिकतम अवधि तक बिजली उपलब्ध रहें, यह सुनिश्चित करायेंगे।
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