मधुबनी : डी.बी. कॉलेज के युवा शिक्षाविद् डॉ. शैलेश सिंह को महाराष्ट्र में मिला साहित्य शिखर सम्मान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 24 जुलाई 2023

मधुबनी : डी.बी. कॉलेज के युवा शिक्षाविद् डॉ. शैलेश सिंह को महाराष्ट्र में मिला साहित्य शिखर सम्मान

Jaynagar-college-lecturer-honored-in-maharashtra
जयनगर/मधुबनी, जिले के डी.बी. कॉलेज,जयनगर के वाणिज्य विभागाध्यक्ष युवा साहित्यकार डॉ. शैलेश कुमार सिंह के साहित्यिक योगदान के लिए सामाजिक साहित्यिक जागरुकता मंच, महाराष्ट्र ने साहित्य शिखर सम्मान से सम्मानित किया है। डॉ. सिंह के इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के शिक्षाविदों, छात्र छात्राओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामना दिया है। विद्वत है कि मंच के तत्वाधान में 21 जुलाई 2023 शुक्रवार को 30वां स्थापना दिवस पर आभाषी प्लेटफार्म गूगल मीट पर राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए  संस्था के अध्यक्ष भोलानाथ तिवारी ने सभी उपस्थित कलमकारों/विद्वानों का पटल पर स्वागत किया, तत्पश्चात नोएडा की ऊर्जावान साहित्यकार रश्मि कमल ने माँ सरस्वती वंदना करके मंच पर माँ सरस्वती को आह्वाहित किया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रयागराज के प्रसिद्ध आध्यात्मिक योग गुरू अर्जुन धर द्विवेदी ने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए साहित्यिक विकास पर बल देना होगा।


मिथिलांचल का प्रतिनिधित्व करते हुए डी.बी. कॉलेज के युवा शिक्षाविद् डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने "राम नाम पर कुछ भी लिख दो" शीर्षक काव्य पाठ करते हुए आधुनिक दौर में साहित्यिक संरक्षण की वकालत की और उन्होंने कहा कि तथ्यों से परे लेखन करने वाले मनोज मुंतसिर जैसे कलमकारों का प्रतिकार होना चाहिए। गोष्ठी में कोलकात्ता, झारखंड, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों के अनेकानेक मनीषियों ने अपनी उपस्थिति से सभी को अभिभूत कर दिया, साथ ही गायन वादन और संगीत की छटा विखेरते हुए इस आयोजन में चार चाँद लगा दिया। साथ ही 56 मनीषियों ने अपनी रचना और कविता पाठ के द्वारा गोष्ठी की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार/गजलकार डॉ. सागर त्रिपाठी ने कहा कि, आज के गोष्ठी में सम्मिलित 56 साहित्यकारों के रचनाओं की भूरी-भूरी सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि देश के मूर्धन्य साहित्यकर जिन्होंने अपनी रचना प्रस्तुत कि वह सभी एक से बढ़कर एक प्रस्तुती दिया है, सभी के प्रति आभार प्रकट करते हैं। सामाजिक साहित्यिक जागरुकता मंच के सचिव डॉ. कृपाशंकर मिश्र ने संस्था के उद्देश्य और उसके 30 वर्षों की प्रगति पर प्रकाश डाला। अंत में संस्था के संस्थापक संजय सिंह चंदन ने सभी के प्रति आभार और धन्यवाद किया। गोष्ठी में मुख्य रूप से डॉ. सागर त्रिपाठी, अर्जुन धर द्विवेदी, डॉ. यू.सी. शुक्ल, डॉ. शैलेश कुमार सिंह, डॉ. कृपा शंकर मिश्र, रश्मि कमल, संजय सिंह चंदन, डॉ. प्रियंका तिवारी, डॉ. सुप्रिया शिखा, डॉ. संगीता नाथ, डॉ. अरविंद अंशुमान सहित सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही।

कोई टिप्पणी नहीं: