- जदयू एमएलसी के पुत्र को कमजोर पैरवी कर उम्र कैद से बचाया गया
- विपक्ष के विजय सिंह की हत्या को बताया स्वाभाविक मृत्यु
- हिम्मत है तो लाठीचार्ज की सीबीआई जांच कराएं, रोडरेज मामले में जाएँ सुप्रीम कोर्ट
पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार सत्तारूढ़ दल से जुड़े हत्यारे को साफ बरी करा सकती है और आजीवन कारावास पाये बाहुबलियों की रिहाई के लिए कानून बदल सकती है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति विपक्षी दल का हो, तो उसकी हत्या को हार्ट अटैक बताने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी कर सकती है. श्री मोदी ने कहा कि जदयू एमएलसी के पुत्र रॉकी यादव को रोडरेज की चर्चित घटना में आजीवन कारावास की सजा से बरी कराने के लिए सरकार ने हाई कोर्ट में न पुख्ता सबूत दिये, न ठीक से पैरवी की. सरकार बताये कि मई 2016 में आखिर व्यवसायी आदित्य सचदेवा की हत्या किसने की थी? उन्होंने कहा कि दूसरी ओर विधान सभा मार्च के दिन जब भाजपा कार्यकर्ता विजय सिंह की मृत्यु लाठीचार्ज से हुई, तो सरकार उसे हार्ट-अटैक बताने लगी. अब झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी जारी हो गई. श्री मोदी ने कहा कि घटना के थोड़ी देर बाद ही जब पुलिस और सत्तारूढ़ दल घटना को हार्ट अटैक बताने लगे, तब किस मेडिकल ऑफिसर की हिम्मत थी कि सरकार की राय के विपरीत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देते. उन्होंने कहा कि यदि हिम्मत है तो नीतीश सरकार विजय सिंह की मृत्यु की जांच सीबीआई से कराये और रॉकी यादव को बरी किये जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे. श्री मोदी ने कहा कि सरकार तो जहरीली शराब से मौत और हत्या तक को स्वाभाविक मृत्यु साबित करने का जुगाड़ किये बैठी है, ताकि अपराध के आंकड़ों से उसका चेहरा शर्मसार न हो. श्री मोदी ने कहा कि अब वो नीतीश कुमार नहीं रहे, जो कहते थे कि सरकार न किसी को बचाती है, न किसी को फंसाती है। अब अपराधी बचाये जा रहे हैं और बेगुनाह लोग फंसाये भी जा रहे हैं.
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