इसी बीच बच्चू बाबू के पुत्र घटनास्थल पर पहुंचे. भीड़ ने उन पर भी ईंट-पत्थर से हमला कर दिया. किसी तरह वे भी जान बचा कर घर लौटे. गाड़ी चालक जहीरूदीन को पुलिस अस्पताल ले जाने लगी, लेकिन बीच रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. इस संदर्भ में जलालपुर थाने में मॉबलिंचिंग का मुकदमा दर्ज हुआ है. 6 लोगो को नामजद और 30 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इसमें सारण एसपी द्वारा 7 लोगां की गिरफ्तारी की पुष्टि की गई. मृतक जहीरूदीन के चाचा ने बताया कि मृतक के तीन पुत्री और दो पुत्र हैं. तीन पुत्री और एक पुत्र की शादी हो गई है. दोनों पुत्र विदेश में मजदूर के तौर पर काम करने गए हैं. मृतक आंशिक रूप से विकलांग थे. बच्चू बाबू ने बताया कि उनके पास हड्डी का लाइसेंसी फैक्ट्री है. उसे पीएजीटी के तहत लोन भी मिला है. बच्चू बाबू का नगरा बाजार पर दो मॉल है और जमीन भी है, जिसमें पिछले दो साल से इंटरनेट कॉल से रंगदारी मांगी जा रही है. बच्चू बाबू द्वारा इसकी लिखित शिकायत थाना से लेकर वरीय पुलिस पदाधिकारी तक किया गया है, जिसमें उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही गई. बच्चू बाबू ने बताया कि घटना का संबंध पूर्व में रंगदारी नहीं देना भी हो सकता है. माले जांच दल ने कहा है कि सारण को भाजपा व आरएसएस ने निशाना बनाया है. वहां हाल के दिनों में मॉबलिंचिंग की कई घटनाएं घटी हैं. भाजपा द्वारा समाज में फैलाए जा रहे नफरती अभियान के कारण ही आज मुसलमानों पर हमले बढ़े हैं और दिनदहाड़े उनकी हत्याएं हो रही हैं.
पटना 5 जुलाई, भाकपा-माले की एक राज्यस्तरीय टीम ने आज सारण के जलालपुर का दौरा किया, जहां विगत 28 जून को बर्बर मॉब लिंचिंग की घटना को अंजाम दिया गया था. माले जांच दल ने मृतक परिजनों से मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी ली. जांच दल में दरौली के पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, सिवान से महफूज, भाकपा-माले सारण जिला सचिव सभापति राय, जिला कमिटी सदस्य अनुज कुमार दास, पानापुर प्रखंड सचिव नागेंद्र प्रसाद, रविंद्र महतो, वीरेंद्र राय, तारकेश्वर कुशवाहा, लगन राम सहित दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे. जांच दल ने महमद अली उर्फ बच्चू बाबू से नगरा प्रखंड के मझवलिया गांव में उनके आवास पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि 28 जून को उनके ड्राइवर व मुंशी सहित तीन मजदूर जनता बाजार ताजपुर से आम दिनों की तरह मृत जानवरो की हड्डियां ले कर गाड़ी से आ रहे थ.े जलालपुर प्रखंड के बंगरा गांव के समीप गाड़ी खराब हो गई. उसी दरमियान दो लोग आए और पूछने लगे कि इस पर क्या लादे हुए हो? मुंशी द्वारा सारी बातें बताई गईं. तब तक उन दोनों ने फोन कर 40-50 लोगो को बुला लिया और गोकशी का आरोप लगा कर गालियां देने लगे तथा मार-पीट शुरू कर दी. जैसे-तैसे मुंशी और मजदूर अपनी जान बचा कर भागे. गाड़ी चालक को भीड़ ने बेरहमी से पीटा और अधमरा कर दिया. इसकी सूचना पुलिस को मौके पर मिली लेकिन पुलिस पर भी उपद्रवियों ने हमला कर दिया.
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