- जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में बाल श्रम, बाल विवाह, बाल व्यापार एवं बाल संरक्षण से संबंधित जिला स्तरीय समितियां की संयुक्त बैठक हुई आयोजित।
- बच्चों के प्रति समाज को पूरी तरह से संवेदनशील होना चाहिये,बच्चों का स्थान विद्यालय में है , खेलकूद के मैदान में है ना कि किसी होटल, ढाबा गैराज, फैक्ट्री आदि में।-जिलाधिकारी ।
- सभी बाल श्रमिकों के लिए विभिन्न विभागों द्वारा पुनर्वास हेतु की गई कारवाई संबधी प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में उपस्थित रहने का डीएम ने दिया निर्देश। ।
आज की इस बैठक में बाल श्रम से संबंधित विषयों पर श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2023-24 में धावा दल के द्वारा किए गए कार्यों एवं पुनर्वास से संबंधित किए गए अन्य कार्यों की विस्तृत प्रस्तुति दी गई तथा संबंधित श्रम कानून एवं राज्य कार्य योजना के विषय में जिला टास्क फोर्स के सभी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी गई । श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में धावा दल के द्वारा मधुबनी जिले में 21 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया था जबकि वित्तीय वर्ष 2023 24 में अब तक 31 बाल श्रमिकों को विभिन्न प्रखंडों से विमुक्त कराया गया है । उन्होंने बताया कि विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर सभी संबंधित नियोजकों के विरुद्ध संबंधित थानों में प्राथमिक की दर्ज कराई गई है तथा ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से दोषी नियोजकों से जुर्माने की राशि वसूल कर जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा कराया गया है । उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 18 नियोजकों से ₹20000 की राशि की वसूली की गई है जबकि 6 नियोजकों के विरुद्ध उक्त जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर नीलाम पत्र वाद संबंधित अंचलाधिकारी के यहां अलग से दायर किया गया है तथा तीन नियोजकों से उक्त राशि की वसूली की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है । श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि विमुक्त एवं पात्र बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता राशि के रूप में ₹3000 की राशि का भुगतान जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष से ₹25000 की राशि प्राप्त कर उसे संबंधित बाल श्रमिक के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने की अवधि तक का सावधि जमा कराया जाता है। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से अब तक कुल 32 विमुक्त बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता राशि के रूप में ₹3000 प्रति बाल श्रमिक की दर से आरटीजीएस के माध्यम से संबंधित बाल श्रमिक के बैंक खाते में भुगतान किया गया है जबकि 20 बाल श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त₹25000 की राशि का सावधी जमा कराया गया है । शेष पात्र बाल श्रमिकों हेतु आवंटन के लिए अधियाचना मुख्यालय भेजी गई है तथा राशि प्राप्त होते ही अनुदान भुगतान हेतु अग्रसर कार्रवाई की जाएगी ।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल श्रम से संबंधित विषय अत्यंत संवेदनशील हैं अतः जिला टास्क फोर्स से संबंधित तथा राज्य कार्य योजना 2017 के तहत जिन विभागों को पुनर्वास का दायित्व दिया गया है उस विभाग से संबंधित पदाधिकारी वित्तीय वर्ष 2023-24 में विमुक्त 31 बाल श्रमिकों एवं उनके परिवार के पुनर्वास से संबंधित प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में स्वयं भाग लेंगे । वह अगली बैठक से अपनी जगह पर किसी प्रतिनिधि को नहीं भेजेंगे बल्कि स्वयं प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे । जिलाधिकारी के द्वारा उपस्थित सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया की प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित धावा दल को क्रियाशील बनाएं तथा सितंबर माह में सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय धावा दल का संचालन सुनिश्चित कराएंगे तथा इस संबंध में की गई कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में उपस्थित रहेंगे । साथ ही जिलाधिकारी के द्वारा सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक सितंबर माह में अचूक रूप से कराने तथा भविष्य में हर माह नियमित रूप से प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स का बैठक करने का निर्देश दिया गया । जिलाधिकारी के द्वारा जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि सितंबर माह में हर हाल में सभी पंचायत में पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन सुनिश्चित करवाएं । जिलाधिकारी के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को वित्तीय वर्ष 2023-24 में विमुक्त 31 बाल श्रमिकों के विद्यालय में नामांकन तथा नामांकन के पश्चात उनकी स्कूल में नियमित उपस्थिति से संबंधित प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में स्वयं उपस्थित होने का निर्देश दिया गया । प्रभारी सहायक निदेशक , जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा बताया गया की जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति के पुनर्गठन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है तथा जिला स्तरीय मानव व्यापार से संबंधित समिति का गठन भी किया जाना है। इस संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई को निदेशित किया गया कि वे दोनों समितियां का गठन कराकर अगली बैठक में मानव व्यापार एवं बाल संरक्षण से संबंधित समितियां की भी बैठक सुनिश्चित कराएंगे ।
जिलाधिकारी के द्वारा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई को यह निर्देश दिया गया कि 2023-24 में विमुक्त सभी बाल श्रमिकों का सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट 15 सितंबर के पहले पूरा करवाकर सभी संबंधित विभागों से समन्वय कर पुनर्वास की कारवाई कराएंगे तथा सभी बाल श्रमिकों को विभिन्न विभागों से पुनर्वास हेतु की गई कारवाई प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में उपस्थित रहेंगे । जिलाधिकारी ने अध्यक्ष , बाल कल्याण समिति को 30 सितंबर के पहले सभी 31 बाल श्रमिकों का एंटाइटलमेंट कार्ड निश्चित रूप से निर्गत करने का निर्देश दिया । बाल विवाह से संबंधित मुद्दे पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस के द्वारा बताया गया कि अनुमंडल स्तर पर बाल विवाह से संबंधित नोडल पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी हैं जबकि जिला स्तर पर जिला स्तरीय समिति के नोडल डीपीओ आईसीडीएस होते हैं । जिलाधिकारी के द्वारा डीपीओ आईसीडीएस को बाल विवाह से संबंधित किए गए कार्यों के साथ प्रतिवेदन के साथ अगली बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया गया। आज की इस बैठक में उप विकास आयुक्त विशाल राज, पार्थ गुप्ता प्रशिक्षु आई ए एस, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस विनिता कुमारी, प्रभारी सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई साहेब रसूल, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) प्रभाकर तिवारी, बाल विकास समिति के अध्यक्ष बिंदु भूषण ठाकुर, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष , सर्वो प्रयास संस्था की निर्मला कुमारी , सभी प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बाल संरक्षण पदाधिकारी आदि उपस्थित थे -
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