जमशेदपुर ,31 अगस्त, (विजय सिंह)। सन 1990 में 16 जनवरी को तत्कालीन संयुक्त बिहार राज्य के महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर जमशेदपुर और आस पास के क्षेत्र धालभूमगढ़ ,चाकुलिया ,घाटशिला ,बहरागोड़ा आदि को मिला कर पूर्वी सिंहभूम जिला बनाया गया और इसी के साथ जमशेदपुर को पूर्वी सिंहभूम जिले का मुख्यालय बनाया गया I 16 जनवरी 1990 को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बी.के.हलधर को पूर्वी सिंहभूम का पहला उपायुक्त नियुक्त किया गया। तब से अब तक 23 उपायुक्तों की नियुक्ति पूर्वी सिंहभूम में हो चुकी है जिनमें से मात्र 4 ने ही अपना कार्यकाल पूरा किया है .जानकार बताते हैं कि किसी भी जिले में उपायुक्त या अन्य अधिकारियों की नियुक्ति आम तौर पर तीन वर्ष नियमित अवधि के लिए की जाती है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का कार्यकाल राज्य सरकार की मर्जी पर भी निर्धारित होता है। राज्य बदला ,सरकारें बदलती रही और इसी के साथ पूर्वी सिंहभूम जिला में उपायुक्त की कुर्सी कभी सरकार की इच्छा की मोहताज बनी रही तो कुछ मौकों पर चुनाव आयोग ने चुनाव के समय तत्कालीन उपायुक्त को चुनाव संपन्न होने तक पद से हटाकर नए उपायुक्त की नियुक्ति की। डॉ गोरेलाल यादव इसके बेहतर उदाहरण हैं। 1990 से 2023 तक यानि 33 वर्ष 7 महीने के पूर्वी सिंहभूम जिला में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजय कुमार ,डॉ.नितिन मदन कुलकर्णी ,डॉ अमिताभ कौशल और अमित कुमार ही ऐसे अधिकारी रहे जिन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिले में उपायुक्त के रूप में तीन साल का अपना नियमित कार्यकाल पूरा किया। सबसे कम अवधि तक उपायुक्त के रूप में सजल चक्रवर्ती की नियुक्ति रही ,जो मात्र 31 दिनों तक उपायुक्त के पद पर सुशोभित रहे। पूर्वी सिंहभूम जिले के पहले उपायुक्त बी .के .हलधर 16 जनवरी 1990 से 21 सितम्बर 1991 तक यानि 1 वर्ष 7 महीना 6 दिन ,उनके उत्तराधिकारी उपायुक्त डॉ गोरेलाल यादव 21 सितम्बर 1991 से 24 अक्टूबर 1991 तक यानि 2 महीना 4 दिन ,डी.पी.सिंह 24 अक्टूबर 1991 से 26 नवंबर 1991 तक (1 महीना 3 दिन ) ,डॉ गोरेलाल यादव 26 नवंबर 1991 से 12 फरवरी 1993 तक ( 1 साल 2 महीना 18 दिन ),सजल चक्रवर्ती 12 फरवरी 1993 से 14 मार्च 1993 तक ( 1 महीना 3 दिन ) ,डॉ गोरेलाल यादव 14 मार्च 1993 से 20 जनवरी 1995 तक ( 1 साल 10 महीना ) ,शिवराज अस्थाना 20 जनवरी 1995 से 29 अप्रैल 1995 तक ( 3 महीना 10 दिन ) ,डॉ गोरेलाल यादव 29 अप्रैल 1995 से 29 मार्च 1996 तक (11 महीना 1 दिन ),संजय कुमार 29 मार्च 1996 से 14 नवंबर 1999 तक (3 साल 7 महीना 16 दिन ) ,निधि खरे 14 नवंबर 1999 से 5 सितम्बर 2000 तक ( 9 महीना 23 दिन ) ,ब्रजेश मल्होत्रा 5 सितम्बर 2000 से 27 नवंबर 2000 तक ( 2 महीना 23 दिन ) ,शैलेश कुमार सिंह 27 नवंबर 2000 से 15 जनवरी 2002 तक (1 वर्ष 1 महीना 20 दिन) निधि खरे 15 जनवरी 2002 से 7 दिसंबर 2003 तक ( 1 साल 10 महीना 23 दिन ),सुनील कुमार बर्णवाल 7 दिसंबर 2003 से 15 अप्रैल 2005 तक (1 साल 4 महीना 9 दिन ),डॉ नितिन मदन कुलकर्णी 15 अप्रैल 2005 से 11 मई 2008 तक ( 3 साल 27 दिन ),रविंद्र अग्रवाल 11 मई 2008 से 13 जुलाई 2010 तक ( 2 साल 2 महीना 3 दिन ),हिमानी पांडेय 13 जुलाई 2010 से 2 जून 2013 तक ( 2 साल 10 महीना 21 दिन ),डॉ अमिताभ कौशल 2 जून 2013 से 24 जून 2016 तक ( 3 साल 23 दिन ),अमित कुमार 24 जून 2016 से 30 जून 2019 तक ( 3 साल 7 दिन ) ,रविशंकर शुक्ला 30 जून 2019 से 15 जुलाई 2020 तक ( 1साल 16 दिन ),सूरज कुमार 15 जुलाई 2020 से 28 फरवरी 2022 तक ( 1साल 7 महीना 14 दिन ),विजय जाधव 28 फरवरी 2022 से 27 जुलाई 2023 तक ( 1 साल 5 महीना ) और मंजुनाथ भजंत्री 27 जुलाई 2023 से अब तक। आंकड़ों से स्पष्ट है कि चार को छोड़कर किसी भी अन्य अधिकारी ने जिले में उपायुक्त के रूप में तीन वर्ष का नियमित कार्यकाल पूरा नहीं किया। डॉ गोरेलाल यादव चार बार पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त बने लेकिन उनके तीन वर्ष की कार्यावधि किश्तों में पूरी हुई। डॉ गोरेलाल यादव ने सबसे अधिक 49 महीनों तक जिले की कमान संभाली परन्तु एक साथ नहीं होकर अलग अलग चार पदस्थापनों में। इस लिहाज से अब तक संजय कुमार ने सबसे अधिक लगातार 43 महीनों तक पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रशासन की बागडोर संभाली। गौरतलब है कि एक संसदीय सीट व छह विधानसभा क्षेत्रों वाले पूर्वी सिंहभूम में इन 33 वर्ष 7 महीने 15 दिनों में पदस्थापित उपायुक्तों ने जगन्नाथ मिश्र लालू प्रसाद यादव ,राबड़ी देवी ,बाबूलाल मरांडी ,अर्जुन मुंडा ,शिबू सोरेन ,मधु कोड़ा ,रघुबर दास व हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रशासन संचालित किया।
गुरुवार, 31 अगस्त 2023
पूर्वी सिंहभूम - 33 साल में 23 उपायुक्त ,4 ने पूरा किया 3 वर्ष का कार्यकाल
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