जीवन में आए एक समान,
लेकिन दुनिया माने असमान,
पालन-पोषण हो चाहे संस्कार,
दोनों को न दिया एक समान,
खुले आसमान में उड़े लड़के,
लड़कियां बंधे पितृसत्ता की जंजीरों में,
लड़कों को दी जाती उच्च शिक्षा,
लड़कियों को मिलती घर की शिक्षा,
लड़कों को बुढ़ापे का सहारा समझे आज,
और लड़कियों को पराया धन समझे समाज,
लड़के हुए तो बनी कोख शुभ,
लड़कियां हुई तो हो गई अशुभ,
बच्चों तो होते जीवन का सदभाव,
फिर लड़का लड़की में क्यों होता भेदभाव।।
पूजा गोस्वामी
कक्षा-10
रौलियाना,गरुड़
बागेश्वर, उत्तराखंड
चरखा फीचर
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