ज्ञानवापी में आज भी होगी एएसआई सर्वे, 6 घंटे में दीवार की फोटोग्राफी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

ज्ञानवापी में आज भी होगी एएसआई सर्वे, 6 घंटे में दीवार की फोटोग्राफी

  • मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद

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वाराणसी (सुरेश गांधी) हाईकोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी में शुक्रवार को एएसआई सर्वे की कार्यवाही करीब 6 घंटे तक चली. इस दौरान न केवल पेपर वर्क हुआ, बल्कि ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार की फोटोग्राफी की गई. जबकि तहखाने में सर्वे नहीं हो पाया है. अब शनिवार सुबह एक बार फिर सर्वे शुरू होगा. इस दौरान हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल था. क्योंकि सर्वे को न केवल सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी, बल्कि वाराणसी के जिला जज के न्यायालय ने भी एएसआई सर्वे की मियाद बढ़ाकर 4 हफ्ते कर दी है. सर्वे के कारण विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर चौकसी बरती जा रही है। कड़ी चौकसी के बीच सुबह 8 बजे से 11ः30 बजे तक सर्वे हुआ. जुमे की नमाज की वजह से 3 घंटे तक सर्वे का काम दोपहर ढाई बजे तक बंद रहा. इसके बाद टीम की ओर से ढाई बजे के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वे शुरू हुआ और शाम करीब छह बजे के बाद बाहर निकली। सर्वे की कार्यवाही के बाद हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने शिल्ड एरिया को छोड़कर सभी हिस्सों के सर्वे की कार्यवाही हुई है और मेजरमेंट भी हुआ है. वहीं, तहखाने में सर्वे की कार्यवाही नहीं हो पाई है, क्योंकि किसी मुस्लिम पक्ष ने ताला नहीं खोला था और चाबी भी नहीं दी थी. हिन्दू पक्ष ने एएसआई सर्वे की प्रक्रिया पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि एएसआई के विशेषक्ष गहनता और बारीकी से एक-एक चीज को देख रहे हैं। फोटोग्राफी भी कराई जा रही है। उधर, जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी की मौजूदा संरचना को नुकसान पहुंचाए बगैर एएसआई को सर्वे का आदेश देकर चार अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा था। शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुए एएसआई के अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। एएसआई सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी में मौजूद रहे हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण आज सुबह 7 बजे 40 विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा शुरू किया गया। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जा रही है। यह सर्वेक्षण लंबे समय तक जारी रहेगा। इधर, एएसआई टीम ने ज्ञानवापी क्षेत्र को चार भागों में बांटने के बाद सर्वे शुरू किया। शासन के द्वारा पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। सर्वे टीम सबसे ज्यादा ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार की जानकारी जुटाने में लगी हुई है।


मुस्लिम पक्ष को आपत्ति

हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब कानूनी तरीके से अधिकार पाने के प्रयास में लगे हैं। वहीं, मुस्लिम पक्ष को इस दावे पर आपत्ति है। उसका कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में 600 वर्षों से नमाज अदा की जा रही है।


इन बिंदुओं पर देनी है सर्वे रिपोर्ट

वैज्ञानिक जांच में देखा जाएगा कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया। पश्चिमी दीवार की उम्र और प्रकृति की जांच होगी। तीन गुंबदों के ठीक नीचे सर्वे। सभी तहखानों की जांच व उसकी सच्चाई। इमारत की दीवारों पर मौजूद कलाकृतियों की सूची बनेगी। कलाकृतियों की उम्र और प्रकृति का पता लगाया जाएगा। इमारत की उम्र, निर्माण की प्रकृति का पता भी लगाया जाएगा। इमारत के विभिन्न हिस्सों और संरचना के नीचे मौजूद ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व की कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की जांच की भी जांच होगी।


चप्पे-चप्पे पर तैनात है सुरक्षा जवान

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ज्ञानवापी में एएसआई के सर्वे को लेकर आज सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम हैं। काशी विश्वनाथ धाम के गेट नम्बर-4 और उसके चौतरफा के एक किमी के दायरे में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है। यहां तक कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों के साथ ही मंदिर प्रबंधन के कर्मियों के मोबाइल भी जमा कराए गए हैं। सर्वे के चलते ज्ञानवापी के हर 300 मीटर पर वज्र वाहन लगाए गए और आरएएफ के जवानों को काशी विश्वनाथ मंदिर के सभी गेट्स पर तैनात किया गया है. एटीएस के कमांडो ने सभी दरवाजों पर मोर्चा संभाला हुआ है.


हकीकत आएगी सामने

ज्ञानवापी में वैज्ञानिक सर्वे से हकीकत सामने आयेगी। करीब 15 दिन तक चलने वाले सर्वे से में कई राजसामने आयेंगे। विवादित स्थल के नीचे जमीन में दबा सच बाहर आयेगा। ज्ञानवापी में बने गुंबद कब बनाए गए? तीनों गुंबद कितने पुराने हैं? इसका पता चलेगा। आर्कियोलॉजिल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर पर किया गया है या नहीं।

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