देशभक्ति दिखाने के लिए सिर्फ सेना या पुलिस में भर्ती होना ही जरूरी नहीं। आम आदमी भी अपने अंदर यह जज्बा पाल कर अलग तरीके से देशभक्त होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से हर घर तिरंगा, हर डीपी तिरंगा का आह्वान क्या किया हर तरफ तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को मजबूत करने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर डीपी (डिस्प्ले पिक्चर्स) बदल दी। उन्होंने अपनी डीपी में तिरंगे की तस्वीर लगाई। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों से अपनी डीपी में तिरंगा लहराने की भी अपील की है। अपील के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश से लेकर जम्मू कश्मीर तक हर घर तिरंगा लहरा रहा है. मेरी माटी, मेरा देश अभियान के तहत जगह-जगह तिरंगे के साथ एक रैली निकाली जा रही है। बता दें, नरेन्द्र मोदी 135 करोड़ देशवासियों के भरोसे का प्रतीक बने हुए हैं। उनकी एक अपील देशवासियों के लिए जन आंदोलन बन जाती है। इसका एक बार फिर प्रमाण मिला है। लोगों ने अपने-अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा झंडा फहराया। इससे जहां देशभर में लोगों के मन में देश प्रेम की अलख जगी, वहीं अर्थव्यवस्था को भी जबरदस्त फायदा हुआ। दुकानदारों के मुताबिक, बाजार में डबल इंजन की सरकार प्रिंट वाली पतंग की काफी मांग है और यह पतंग कई दुकानों पर खत्म हो गई है. इस पतंग पर पीएम मोदी की तस्वीर के साथ डबल इंजन की सरकार-सपना सरकार का लिखा है और कमल के फूल की तस्वीर भी छपी है. प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ इंडिया गेट, लाल किले और कमल के फूल की तस्वीर है, जिस पर लिखा है- दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर आजादी के अमृत महोत्सव पर देश के कोने-कोने में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। इसमें लोगों की हिस्सेदारी अभूतपूर्व देखने को मिल रही है। इस दौरान लोगों में देश-प्रेम की झलक दिखी। देशभक्ति गीतों संग यात्रा में शामिल सभी हाथों में राष्ट्रध्वज के साथ जुबां पर वंदेमातरम् और भारत माता की जय की गूंज सुनाई दे रही है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत अधिकांश घरों में राष्ट्रीय ध्वज भारत की आन-बान-शान को प्रदर्शित कर रहा है। छात्र, युवा, जवान, किसान और व्यापारी सभी हाथों में तिरंगा लिए जन-यात्रा निकाल रहे है। हर गांव, हर कस्बा और हर शहर तिरंगे के रंग में रंगा नजर आ रहा है। देखा जाएं तो ‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ देशवासियों के जुड़ाव को और अधिक मजबूत किया। इसने देश में एक नए इतिहास की रचना की। यह अभियान एक बार फिर देश की एकता और चेतना का प्रतिनिधित्व करता हुआ नजर आया। इस अभियान से देश की युवा पीढ़ी में नये उत्साह और नई ऊर्जा का संचार हुआ। हर दिल में देशभक्ति का भाव जगाने और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए शुरू किए गए हर घर तिरंगा अभियान ने सबको प्रेरित किया। हर घर और हर हाथ में तिरंगा जश्न-ए-आजादी की याद दिला रही थीं। जश्न-ए-आजादी मनाने के लिए लोगों में गजब का उत्साह दिखा। दिल में देश प्रेम का जज्बा लिए शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक हर तरफ बस 77वें स्वतंत्रता दिवस की धूम दिखाई दे रही है।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने आज ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत सभी लोगों से अपने-अपने घरों या प्रतिष्ठानों पर 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराने की अपील की है। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज की भारी मांग होने लगी। इससे पहले तिरंगे की इतनी भारी मांग कभी नहीं देखी गई। यहां तक कि मांग के अनुरूप आपूर्ति कर पाना कारोबारियों और विनिर्माताओं के लिए कठिन हो गया। मांग की पूर्ति करने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों को लगाना पड़ा। व्यापारियों ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अभियान की घोषणा किए जाने के बाद से सभी प्रकार के तिरंगे की बिक्री 50 गुना बढ़ गई। हालांकि मोदी सरकार ने घरों के ऊपर कम से कम 20 करोड़ झंडे लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 25 से 30 करोड़ तिरंगे बिकने का अनुमान लगाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से देश में तिरंगा झंडा के निर्माण और बिक्री का नया रिकॉर्ड बना। इससे छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को बड़ी मदद मिली है। कारोबारियों के मुताबिक इस वर्ष तिरंगे की बिक्री 500 से 600 करोड़ तक पहुंच गई। जबकि हर साल 15 अगस्त को करीब 200 करोड़ रुपये के तिरंगे बिकते हैं। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से पिछले 20 दिनों में देश में 30 करोड़ तिरंगा झंडा तैयार किए गए। जिससे 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला। व्यापारी संगठन कैट के मुताबिक वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत की सरकार की मुहिम को इन आयोजनों ने नई पहचान दिलाई है।
दुनिया में जायेगा मजबूत संदेश
‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने जहां लोगों को देशभक्ति के एक धागे में पिरो कर देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने का काम भी किया है, वहीं दुनिया में भारत की एकजुटता का बड़ा संदेश दिया है। वैसे भी हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा जो हमारी संपूर्ण विश्व में पहचान है। तिरंगा देश के गौरव व सम्मान का पवित्र प्रतीक है। आज आजादी के 76 वर्ष पूर्ण हो गए। इस लंबी यात्रा को पूर्ण करने दशको का समय लग गया। आज का भारत वर्षों के संघर्ष का परिणाम है। हमारा हर घर तिरंगा अभियान भारत के नागरिकों के बीच देशभक्ति राष्ट्रवाद बढ़ाने में सहयोग कर रहा है। यह राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव अभियान हमें आपसी भाईचारा, प्रेम, आपसी वैमनस्य तथा संपूर्ण भारतवर्ष को एक साथ संजोकर रखने में का संदेश दे रहा है। इस अभियान का मकसद नागरिकों के भीतर देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना और सहयोगात्मक भागीदारी तथा बढ़ी हुई जन भागीदारी के सार के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाना है। परिणाम यह है कि हर घर तिरंगा अभियान बढ़ती जन भागीदारी के साथ एक जन आंदोलन में रूपांतरित हो गया है। देश के विभिन्न भागों में तिरंगा की रैलियां पूरे जोरशोर पर हैं और उनमें असीम जन भागीदारी देखी जा रही है। लाखों लोग तिरंगा के साथ अपनी सेल्फी अपलोड कर रहे हैं। तिरंगा की सेल्फी के साथ साथ, लोग मेरी माटी मेरा देश अभियान में भी भाग ले रहे हैं जहां महत्वपूर्ण स्थानों पर देश के वीरों की स्मृति में अनगिनत शिलाफलकम का निर्माण किया जा रहा है। हर कोई तिरंगा के साथ अपनी सेल्फी अपलोड करने के जरिये हर घर तिरंगा में भाग ले सकता है। डाक विभाग ने इस वर्ष 2.5 करोड़ ध्वजों के लिए मांग की है और 55 लाख घ्वज डाक घरों के माध्यम से पहले ही भेजे जा चुके हैं। वस्त्र मंत्रालय राज्यों को पहले ही 1.3 करोड़ ध्वज भेज चुका है। राज्यों में स्वयं सहायता समूहों द्वारा करोड़ ध्वजों का निर्माण किया जा रहा है जो ध्वज विनिर्माण में आत्म निर्भरता के रुझान का संकेत देता है।सेनानियों की संघर्षों, बलिदान और त्याग का परिणाम है आजादी
गूंज रहा है दुनिया में भारत का नगाड़ा.
चमक रहा है आसमान में देश का सितारा..
आजादी के दिन आओ मिलकर करें दुआ.
बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा...
जी हां, स्वतंत्रता दिवस लोगों के लिए आजादी के बाद से देश द्वारा की गई प्रगति पर विचार करने और सभी नागरिकों के लिए बेहतर भविष्य बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का भी समय है. इसमें कोई शक नहीं कि इन 76 सालों में हमने कई मील के पत्थर पार किए हैं और कई चुनौतियों को पार किया है. लेकिन हमें भी सभी के लिए लैंगिक, सामाजिक समानता, न्याय और समृद्धि सुनिश्चित करने के मामले में एक लंबा रास्ता तय करना है. स्वतंत्रता दिवस हमें एक राष्ट्र, एक झंडे के नीचे खड़े होकर भारत को किसी भी देश से एक बेहतर देश बनाने का संकल्प लेने का दिन है. फिर चाहे हम किसी भी रंग, जाति, धर्म भाषा आदि के आधार पर एक दूसरे से भिन्न ही क्यों ना हो. आज का दिन भारत को आजाद कराने वाले उन सैकड़ों, हजारों, लाखों महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करने का भी दिन है, जिन्होंने स्वतंत्र भारत के सपने को साकार करने के लिए खुशी-खुशी, हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान दे दिया. महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां जैसे उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने भारत को आजाद कराने के लिए अपना सब कुछ न्योछवर कर दिया. इन्ही की बदौलत आज हम सब एक आजाद देश की हवा में सांस ले पा रहे हैं. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज आजादी के इन मतवालों के हौसलों को डिगा नहीं पाए. अंग्रेजों के चूल्हे हिला देने वाले इन मतवालों ने ब्रिटानिया हुकूमत के नाक में दम कर रखा था. स्वतंत्रता सेनानियों के आंदोलनो से अंग्रेजी हुकूमत की बुनियाद हिलने लगी थी. वह कई बार जेल गए लेकिन उनकी हिम्मत को जेल और जेलर कमजोर नहीं कर पाए. आखिरकार अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा. इस तरह महान स्वतंत्रता सेनानियों की कठोर तपस्या, कड़े संघर्ष, बलिदान और त्याग का परिणाम था कि आज हम स्वतंत्र हैं अपनी बातों को कहने के लिए, अपने हक व अधिकार को मांगने के लिए. आज का दिन हर भारतीयों के लिए राष्ट्रीय गौरव और एकता का दिन है. ब्रिटिश हुकूमत के 200 सालों की गुलामी से मुक्ति मिलने का दिन हैकृ
स्वतंत्र भारत का विकास
स्वतंत्रता दिवस भारत की यात्रा का वह पडाव है जहां से फिर एक बार भारतीयों को अपनी किस्मत खुद लिखने का मौका मिला था। फिर अपने राष्ट्र को अपने तरीके से चलाने और विकसित करने का मौका मिला था। आज जब हम पीछे मुडकर देखते हैं तो हमें यह ज्ञात होता है कि विकास धीरे से ही सही हो रहा है। स्वतंत्रता के 77वें वर्ष में अगर हर भारतीय यह निश्चय कर ले कि वह अपनी हर कृति के केंद्र में अपने राष्ट्र को रखेगा, उस कृति का परिणाम अगर राष्ट्रहित में नहीं है तो वह कृति नहीं करेगा तो भारत को विकसित और सुखी राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। स्वतंत्रता दिवस मात्र एक पर्व ही नहीं, वरन उन तमाम संघर्षों, कुर्बानियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने का दिन है जिनके बिना हम यह दिन मना ही नहीं पाते। यह उन संकल्पों को भी दोहराने का दिन है जो हमने आजादी की लड़ाई के दौरान लिए थे। किसी भी समाज में तीन प्रमुख घटक होते हैं- राज्य एवं सरकार, संगठित गैर-सरकारी या निजी समूह और व्यक्ति। सरकारें और गैर-सरकारी समूह व्यक्तियों से ही बनते हैं। इसलिए किसी समाज के वास्तविक उन्नयन के लिए व्यक्ति केसंकल्प सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। किसी के वैयक्तिक संकल्प से न केवल उस व्यक्ति का, वरन उसके परिवार, पड़ोस, शहर, समाज, देश और संपूर्ण मानवता का कल्याण संभव है। इस कारण स्वतंत्रता दिवस पर हमें न केवल पुराने संकल्पों का स्मरण करना चाहिए, वरन वैयक्तिक स्तर पर कुछ नए संकल्प भी लेने चाहिए और वह भी उन्हें पूरा करने के इरादे के साथ। ज्यादा नहीं हम केवल ये तीन छोटे-छोटे संकल्प ले लें तो बदलाव की एक शुरुआत करते दिखने लगेंगे। एक, हम ज्यादा और बेहतर काम करेंगे। दो, अपना गुणात्मक उन्नयन करेंगे और इस क्रम में अपने हुनर में कुछ न कुछ बढ़ोतरी करते रहेंगे और अंतिम, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, हम कोई ऐसा काम जरूर करेंगे जिससे समाज की कुछ-न-कुछ बेहतरी हो सके। अक्सर कहा जाता है कि स्वयं को बदलो, परंतु कोई यह नहीं बताता कि हम ऐसा करें कैसे? यदि हमने इन तीन संकल्पों को अमली जामा पहना दिया तो न केवल हम बदल जाएंगे, वरन समाज में भी गुणात्मक परिवर्तन हो सकेगा। इसी से भारत के सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी।
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी
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