- एकता परिषद के कद्दावर कार्यकर्ता थे रवि भाई (बद्री) नहीं रहे
अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि रवि बद्री भाई की अचानक और असमय इस दुनिया को छोड़कर जाना दुखित करने वाला है. रवि भाई लंबे समय तक एकता परिषद के कार्यों और अभियानों से जुड़े रहे.राजस्थान के सहरिया आदिवासियों के बीच संगठन का कार्य बारां के शाहाबाद में रहकर किया. अभी पिछले कुछ सालों से वे मेंढलेखा महाराष्ट्र में रहकर स्वराज्य पर काम कर रहे थे. ईश्वर इस क्षति को सहन करने की शक्ति उनके परिवार को प्रदान करें.रवि भाई को विनम्र श्रद्धांजलि और सादर नमन. मनीष राजपुत ने कहा कि बहुत याद आते रहोगे रवि भाई एक सच्चे मित्र ओर वंचितो के सच्चे ईमानदार कर्मठ समाजिक कार्यकर्ता जिनके दिल में गरीबों के प्रति प्यार और उनको अधिकार दिलाने की ललक उन्होंने दूर से आकर राजस्थान के शाहबाद में आकर सहरिया आदिवासियों के बीच रह कर उनकी जीवन शैली जी कर उनकी जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ी वह हमेशा उनके जीवन स्तर ऊपर ले जाने के लिये संवाद करते थे . आज उनको अपने बीच न होने की खबर मिली मन बहुत ही दुखी है. पिछली बार जब वह ग्वालियर आये थे फोन पर चर्चा हुई.लेकिन मिल नहीं पाया.मुझे भी उनके साथ काम करने का मौका मिला ऐसे साथी को चला जाने मेरे लिए भी व्यक्तिगत क्षति है.ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे और उनके परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दे. अनिल कुमार मनमेड़ा ने कहा कि घनिष्ठ मित्र एवं एकता परिषद के सह-प्रचारक रवि बद्री का आज निधन हो गया. शोक संवेदनाएँ. वह हैदराबाद के रहने वाले थे और एक आईटी पेशेवर थे. फिर उन्होंने सामाजिक कार्य और आंदोलनों में अपना करियर चुना. वह जय जगत 2020 के संबंध में एकता परिषद के विभिन्न संघर्षों और अभियानों से निकटता से जुड़े थे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें