विशेष : सदन से मोदी-योगी ने तय का 2024 की जीत का एजेंडा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 13 अगस्त 2023

विशेष : सदन से मोदी-योगी ने तय का 2024 की जीत का एजेंडा

एक तरफ विपक्ष द्वारा लोकसभा में लाएं गए अविश्वास प्रस्ताव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शब्दभेदी बाणों से धुआंधार बैटिंग करते हुए न सिर्फ कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष की बखिया उधेड़ी, बल्कि 2024 की जीत का एजेंडा भी तय कर दिया। तो दुसरी तरफ कुछ ऐसा ही यूपी विधानसभा में देखने को मिला। योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव की जुबानी जंग में योगी ने अपने धोबिया पाट के दांव से अखिलेश यादव को चारों खाने चित कर दिया। 2024 में पूरा विपक्ष बनाम मोदी के युद्ध में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा ये तो परिणाम बतायेंगे, लेकिन योगी ऐलान कर दिया है कि 2024 में सपा का खाता भी नहीं खुलने वाला

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फिरहाल, लोकसभा चुनाव 2024 में भी पूरे 6 माह का वक्त है, लेकिन लोकसभा व विधानसभा के अंतिम सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने तेवरों से साफ कर दिया है, आयेंगे तो वे ही। देखा जाएं तमाम सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि मोदी योगी का मैजिक पहले की तुलना में और मजबूती के साथ बरकरार है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या मोदी योगी के करिश्मे की बदौलत बीजेपी 2024 में कमाल दिखा पाएगी? बता दें, लोकसभा सदन में प्रधानमंत्री ने 2024 में उनके सामने जुटे विपक्ष के गठबंधन पर जमकर हमला बोलते हुए विपक्ष की कमजोर नब्ज दबाई. ये नब्ज है नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा ना होने की. पीएम ने कहा, ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन है। इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है. हर कोई पीएम बनना चाहता है. इस गठबंधन ने ये भी नहीं सोचा कि किस राज्य में आपका किससे कैसा कनेक्शन है. फिर प्रधानमंत्री ने सदन से ही मतदाताओं तक इस संदेश को पहुंचाने की कोशिश की है कि आज बीजेपी के सामने एकजुट होने वाले आगे बिखर जाएंगे. मोदी ने कहा, अभी हालत (विपक्ष में हैं) ये है इसलिए हाथों में हाथ हैं. जहां हालात बदले, फिर छुरियां भी निकलेंगी.


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मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं ने बेंगलुरु में मिलजुलकर करीब डेढ़ दो दशक पुराने यूपीए का क्रिया-कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है और इसका जश्न भी मनाया. खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का जश्न. फेल मशीन पर पेंट करने का जश्न। खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हीकल बताने का जश्न. मोदी ने आगे कहा कि मजेदार ये है कि मजमा खत्म होने से पहले ही उसका क्रेडिट लेने के लिए सिर फुटौव्वल शुरू हो गई. परिवारवाद, वंशवाद पर भी टिप्पणी की. उन्होंने दोहराया कि गरीब का बेटा पीएम बन गया ये बात कांग्रेस को हजम नहीं होती. उन्होंने कहा, कभी कांग्रेस नेताओं के जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते हैं, लेकिन अब उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाता है. एक जमान था कि ड्राईक्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते है. आज हवाई चप्पल वाला गरीब हवाई जहाज में उड़ रहा है. कभी छुट्टी मनाने, मौज मस्ती के लिए नौसेना के युद्धपोत को मंगवा लेते थे. लेकिन अब उन जहाजों में दूर फंसे भारतीय को लाया जाता है. दुसरी तरफ यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन था, एक बार फिर सदन के भीतर अखिलेश योगी आमने सामने हुए। जहां नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अखिलेश यादव ने सदन में एक घंटे से थोड़ा ज्यादा समय तक अपनी बात रखी। वहीं, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में बोलने के लिए उठे तो 2 घंटा 8 मिनट तक सदन में वह बोलते रहे। इस दौरान योगी ने अखिलेश यादव के हर एक सवाल का तथ्यों के साथ जवाब दिया। इतना ही नहीं कभी चाचा को लेकर तो कभी अखिलेश यादव के सांड समाचार को लेकर योगी ने घेरा। वहीं, चाचा शिवपाल को लेकर सीएम योगी के दिल में सॉफ्ट कॉर्नर तो नजर आया ही कहीं ना कहीं वह शिवपाल यादव को ऑफर देते भी सदन में नजर आए। मुख्यमंत्री ने तो सदन में साफ कर दिया कि 2024 की बात छोड़िए 2032 तक अभी इनका कोई स्कोप नहीं है। बता दें, अखिलेश यादव जब से तीसरे मोर्चे का हिस्सा हुए हैं। वो लगातार पीडीए की बात कर रहे हैं वह कहते हैं कि 2024 में बीजेपी को यही पीडीए यानी पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक हराएगा। लेकिन, आज सदन के भीतर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के इस पीडीए का भी जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने सदन के भीतर कहा कि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं वो किसान गरीब दलित की पीड़ा क्या समझेंगे। पिछड़ों अति पिछडों के साथ इन्होंने क्या व्यवहार किया। ये पूरा प्रदेश जानता है।


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मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने प्रधानमंत्री आवास का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास के 55 लाख लोग क्या पीडीए के नहीं थे, उन्हें क्यों नहीं लाभ मिला। उन्हें हमने आवास दिए। लोहिया आवास के लिए सपा का कैडर तय करता था कि आवास किसे देना है, किसे नहीं, हमारी डबल इंजन सरकार ने प्रयागराज के भू माफिया से कब्जाई जमीन खाली कराकर वहां के गरीबों को आवास दिया है। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि नेता विरोधी पीडीए की बात करते हैं। 40 सालों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफलाइटिस का कहर रहा। 50 हजार से ज्यादा बच्चो की मौतें हुईं। आपकी चार बार सरकार आयी क्या किया। वहां पीडीए नहीं था क्या? मुख्यमंत्री ने एक तरीके से सदन के भीतर जिस तरह से पीडीए के मुद्दे को लेकर सपा को जवाब दिया है। उससे इतना तो तय है कि बीजेपी अब 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के इस पीडीए का जवाब कुछ इसी तरह से देने वाली है। अखिलेश यादव ने सदन के भीतर एक बार फिर जब सांड का जिक्र किया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर भी अखिलेश यादव को सीधा सा जवाब दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर खेती किसानी की बात होती है तो खेती के साथ बाड़ी भी जुड़ता है। सांड भी उससे जुड़ा है। आप के पसंदीदा सांड को हम नंदी के रूप मे पूजा करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप के समय ये बुचड़खानो मे जाता था। हमारे समय में ये किसान के पशुधन का पार्ट बना हुआ है। इन्हें सांडों से दिक्कत नहीं है बल्कि जो अवैध बूचड़खाने बंद हो गए उसके बंद होने से इन्हें तकलीफ है। दरअसल, आवारा पशुओं का मुद्दा कहीं न कहीं गांव में किसानों से जुड़ा हुआ है। इसीलिए सीएम योगी ने इसका जवाब सदन में दिया। उन्होंने यह साफ तौर पर बता दिया है कि पशुओं को लेकर सरकार की क्या नीति रहने वाली है। सरकार लगातार उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए काम कर रही है।


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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जो भी जवाब दे रहे थे पूरे तथ्यों के साथ सदन में हर बात को रख रहे थे। अखिलेश यादव ने जो आरोप लगाए। मुख्यमंत्री ने सारे आंकड़ों के साथ उन आरोपों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि नेता विरोधी दल बड़ी डिंगे हांक रहे थे की कोई बड़ा कुबेर का खजाना खोला था। सीएम ने कहा कि अब इनके कुबेर के खजाने के बारे में भी जान लीजिए। मुख्यमंत्री राहत कोष से 2012 से 2017 तक कुल 552 करोड़ रूपए ही गरीबों को वितरित हो पाए थे, जबकि 2017 से 2023 तक लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या 1 लाख 37 हजार 990 और कुल राशि इस दौरान 2 हजार 325 करोड़ रही। जिसे उनकी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के इलाज में खर्च किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगो ने किस तरह से प्रदेश में काम किया ये सबको पता है। इनकी हमेशा धोखा देने की प्रवृत्ति रही है। इनकी यही स्थिति आज भी है। हमेशा झूठ बोलना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धोखा देते हैं। कभी चाचा को धोखा देते हैं कभी भाई को धोखा देते हैं। इसके जरिए मुख्यमंत्री ने शायद ये बताने की कोशिश की कि जो तीसरे मोर्चे की बात हो रही है वहां भी आगे चलकर धोखा ही मिले। बता दें, अखिलेश ने भाजपा को सरकार से हटाने का आह्वान करते हुए ‘80 हराओ-भाजपा हटाओ’ का नया नारा दिया है। जबकि योगी दावे के साथ कह रहे है कि इसबार एक भी सीट नहीं मिलने वाली। यूपी में 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं. सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती के नेतृत्व की बसपा से गठबंधन किया जिसमें 10 सीट बसपा और 5 सीट सपा को मिली थीं. एक सीट कांग्रेस ने जीती थी. जबकि 64 सीट पर सत्तारूढ़ भाजपा ने कब्जा जमाया था. चुनाव बाद सपा का बसपा से गठबंधन टूट गया था. इसी आधार पर योगी ने विपक्ष पर तंज कसा कि 2024 में आपका खाता भी नहीं खुलने वाला है। 24 में फिर से डबल इंजन की सरकार आने वाली है। सीएम योगी ने कहा कि तुलसीदास जी ने ये बात कही भी है कि समरथ को नहीं कोई दोष गोसाईं...ऐसे ही लोगों पर बातें अक्षरशः ठीक बैठती हैं, क्योंकि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं वो गरीब-किसान-दलित की समस्या और उसकी पीड़ा को क्या समझेंगे. उन्होंने अति पिछड़ों और पिछड़ों के साथ क्या व्यवहार किया था, ये पूरा देश जानता है.


क्या है रणनीति

बीजेपी ने 2014 में रामंदिर मुद्दे को उठाया था. इसका चुनाव में खासा असर भी पड़ा और वह 80 में से सर्वाधिक 71 सीटें जीतने रही थी. ‘रामलला हम आयेंगे मंदिर यहीं बनाएं‘. इस नारे ने सारे समीकरणों पीछे छोड़ दिया था. अब अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनकर लगभग तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भी जा चुका है. बहुत संभव है कि 2024 का चुनावी शंखनाद नरेंद्र मोदी गर्भगृह में पूजन के साथ करें. इसके बाद 2019 में बीजेपी को यहां 9 सीटों का नुकसान हुआ था. बीजेपी ने 17वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में 62 सीटें जीतीं थीं. इस बार अभी तक के जितने भी चुनावी सर्वे हुए हैं. उनमें बीजेपी या यूं कहें एनडीए की सीटें घट रही हैं. हालांकि इसके बावजूद वह सत्ता की हैट्रिक लगाते हुए नजर आ रही है. इसीलिए बीजेपी कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और बिहार में संभावित सीटों का होने वाला घाटा उत्तर प्रदेश में 2014 वाला प्रदर्शन दोहराकर पूरा करना चाहती है. इसीलिए वह अब ज्ञानवापी के मामले को चुनाव तक गरम रखना चाहती है. बीच-बीच में वह मथुरा का मुद्दा भी उछालती रहती है. मुसलमानों से अपने रिश्ते और उन्हें अपने साथ जोड़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, किसी को अपने साथ जोड़ने के लिए जाति, मत और मजहब को ध्यान में रखकर काम नहीं होता. शासन की योजनाओं का लाभ देकर सबको साथ लेने का काम हम कर रहे हैं. जाति, मत, मजहब के आधार पर सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती. सरकार की योजनाएं सबके लिए हैं. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था अच्छी हुई है, सारे त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जा रहे हैं. अगर हिंदू के त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जा रहे हैं तो मुसलमानों के भी त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जा रहे हैं. सब की बेटियां सुरक्षित हैं. उनको एहसास हो रहा है की सुरक्षा और सुशासन का लाभ आगे कैसे मिल सकता है. यह जोड़ने का सबसे अच्छा माध्यम है.




Suresh-gandhi


सुरेश गांधी

वरिष्ठ पत्रकार

वाराणसी

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