नन्हीं सी बच्ची हूं,
इस दुनिया में आई हूं,
खुशियां तो मनाओ जरा,
दुख को दूर भगाओ जरा,
क्यों उदास नजरों से तुम,
निहारते हो मेरी ओर?
मैंने भी लिया है जन्म,
वैसे जैसे जन्मे हैं बेटे,
फिर क्यों उदास हैं ये चेहरे?
जरा खुशियां तो मनाओ,
जरा दुख को दूर भगाओ,
नन्ही सी बच्ची हूं,
इस दुनिया में आई हूं,
न जाने एक बेटे को,
क्यों मिलता है सम्मान?
न जाने एक बेटी को,
क्यों मिलता है अपमान?
नन्ही सी बच्ची हूं,
इस दुनिया में आई हूं,
खुशियां तो मनाओ जरा,
दुख को दूर भगाओ जरा।
प्रियंका साहू
मुजफ्फरपुर, बिहार
(चरखा फीचर)
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