प्रयागराज; 23 अगस्त, 2023 : मेजर ध्यानचंद छात्र गतिविधि केंद्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज में राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित ज्ञान पर्व के तीसरे दिन की शुरुआत 'सिनेमा/रंगमंच की समीक्षा' विषय पर आयोजित कार्यशाला से हुई । इस सत्र में बतौर विशेषज्ञ अमितेश कुमार जी ने बच्चों को सिनेमा और रंगमंच के समय और समाज से संबंध को समझने के गुर सिखाये। इस बेहद रोचक सत्र में विश्वविद्यालय के छात्रों सहित शहर के रंगकर्मियों ने भी हिस्सा लिया। 'ज्ञान पर्व' के द्वितीय सत्र में 'शुद्ध पाठ की बुनियादी चुनौतियाॅं' विषय पर परिचर्चा हेतु प्रो. शिव प्रसाद शुक्ल जी, डॉ. अमृता जी और संचालक की भूमिका में संक्षेप रहे। डॉ. अमृता ने 'उसने कहा था' कहानी के माध्यम से पाठ की अशुद्धियों के पहलुओं पर चर्चा की और प्रोफेसर शिव प्रसाद शुक्ल ने कहा कि संपादक, प्रूफ रीडर, लेखक और अध्यापक सभी की ज़िम्मेदारी है कि पाठ की शुद्धि बनी रहे, इस पर अपनी ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करें। तृतीय सत्र में हिंदी आलोचना का आलोचनात्मक इतिहास विषय पर प्रो.अमरनाथ से डॉ. आशुतोष और कुमार वीरेंद्र की बात चीत का रहा। अमरनाथ जी ने कहा कि लेखक का व्यक्तित्व स्वतंत्र होता है और होना भी चाहिए। इस हवाले से कुमार वीरेंद्र ने और डाॅ. आशुतोष ने आलोचना प्रत्यालोचना पर सवाल किये जिसका जवाब अमरनाथ जी ने दिया। उन्होंने कहा कि कविता कहानी से कठिन है आलोचना लिखना और कहा कि आलोचना ख़ुद भी आलोच्य है।
बुधवार, 23 अगस्त 2023
Home
उत्तर-प्रदेश
देश
साहित्य
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित 'ज्ञान पर्व' के तीसरे दिन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित 'ज्ञान पर्व' के तीसरे दिन
Tags
# उत्तर-प्रदेश
# देश
# साहित्य
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
साहित्य
Labels:
उत्तर-प्रदेश,
देश,
साहित्य
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें