- दिल्ली सरकार से शत प्रतिशत ग्रांट लेने वाले कॉलेजों ने अभी तक नहीं निकाले शिक्षकों के स्थायी पद ।
- 12 कॉलेजों के शिक्षक सरकार के शिक्षक संगठन से नाराज
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) का चुनाव आगामी 27 सितम्बर को होगा । सभी शिक्षक संगठन कॉलेजों में अपना प्रचार करने के लिए जा रहे हैं । चुनाव प्रचार में एनडीटीएफ की टीम व उनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रोफेसर ए. के. भागी कॉलेज - कॉलेज जाकर अपनी उपलब्धियों के आधार पर शिक्षकों से वोट मांग रहे है । एनडीटीएफ टीम में प्रोफेसर भागी के साथ डॉ.हरेंद्र सिंह , डॉ. शंभुनाथ दुबे , डॉ.हंसराज सुमन , डॉ.चमन सिंह , डॉ.सुनील शर्मा , डॉ. लुके खन्ना शिक्षकों से वोट की अपील कर रहे हैं । एनडीटीएफ की टीम जब दिल्ली सरकार के कॉलेजों में गई तो वहाँ के शिक्षकों ने वेतन व एरियर न मिलने की शिकायत की । सरकार के शिक्षक संगठन से शिक्षक काफी नाराज है । वोट मांगने आ रहे हैं लेकिन शिक्षकों के वेतन व एरियर , स्थायी नियुक्ति व विज्ञापनों की चर्चा नहीं करते । डीयू कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है लेकिन दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में नियुक्ति नहीं होने दी जा रही है । डूटा में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रोफेसर ए.के.भागी को दिल्ली सरकार के कॉलेजों के शिक्षकों ने उन्हें बताया कि दिल्ली सरकार से शत प्रतिशत वित्त पोषित 12 कॉलेज है। इन कॉलेजों में से अधिकांश कॉलेजों के शिक्षकों/ कर्मचारियों को पिछले तीन - चार महीने से वेतन नहीं मिला है। इन कॉलेजों में पढ़ाने वाले सर्वाधिक एडहॉक शिक्षक व कंट्रक्चुयल कर्मचारी है । वेतन न मिलने के कारण शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं । शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलने को लेकर दिल्ली सरकार के प्रति शिक्षकों में काफी रोष व्याप्त है । इन कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का कहना है कि 27 सितम्बर को हो रहे डूटा चुनाव में दिल्ली सरकार के शिक्षक संगठन के लोगों को वोट नहीं करेंगे । प्रो .ए . के. भागी ने बताया है कि दिल्ली सरकार से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के शिक्षक व कर्मचारी पिछले कई महीने से वेतन न मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं । कुछ कॉलेजों के प्राचार्य ने उन्हें बताया है कि शिक्षकों को दूसरे मदों से वेतन दिया गया है लेकिन उन्हें दो महीने से तो कहीं तीन महीने से वेतन नहीं मिला है । प्रोफेसर भागी ने बताया है कि सबसे ज्यादा संकट उन एडहॉक शिक्षकों के सामने है जिन्होंने मकान खरीदा हुआ है , गाड़ी खरीदी है उन्हें ईएमआई भरने में दिक्कतें आ रही है , मेडिकल बिल किलियर नहीं हुए तथा रिटायर्ड टीचर्स को पेंशन नहीं मिली है । उनका यह भी कहना है कि जिन शिक्षकों की प्रमोशन हो चुकी है उन्हें एरियर अभी तक नहीं मिला । वेतन और एरियर न मिलने के कारण शिक्षक परेशान है । उनका यह भी कहना है कि शिक्षकों के वेतन व एरियर को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल से भी मिल चुके है । प्रोफेसर भागी का यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार ने इन कॉलेजों को 100 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की है लेकिन कॉलेजों तक यह ग्रांट अभी तक नहीं पहुंची है । उनका यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वित्त पोषित 12 शत प्रतिशत कॉलेजों को कभी भी समय पर सैलरी नहीं भेजी गई । दिल्ली सरकार के कॉलेजों में समय पर ग्रांट नहीं आने के कारण कॉलेजों द्वारा जुलाई /अगस्त माह का वेतन नहीं दिया गया जिससे शिक्षकों की रक्षा बंधन का त्यौहार फीका रहा । उन्होंने बताया है कि सितम्बर माह में भी कई त्यौहार है । प्रोफेसर भागी को एक अन्य शिक्षक ने यह भी बताया है कि प्रति माह मिलने वाला वेतन भी कभी भी समय पर नहीं दिया जाता। आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज की स्टॉफ एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया है कि उन्हें कभी भी सैलरी समय पर नहीं मिलती, इस बाबत उन्होंने एक पत्र दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन व दिल्ली सरकार को भी लिखा है। प्रोफेसर भागी ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि दिल्ली सरकार से शत-प्रतिशत ग्रांट लेने वाले कॉलेजों ने अभी तक एडहॉक शिक्षकों को स्थायी करने के लिए पदों को नहीं निकाला । उन्होंने बताया है कि केवल भाष्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस ने अपने यहाँ परमानेंट वैकेंसी निकाली है जबकि 11 कॉलेजों ने अपना रोस्टर रजिस्टर बना लिया है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर पदों को विज्ञापित नहीं करने पर एनडीटीएफ इसकी निंदा करता है । उनका कहना है कि बाकी 11 कॉलेजों ने एडहॉक शिक्षकों को स्थायी करने संबंधी विज्ञापन नहीं निकाले तो हमारा संगठन दिल्ली सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगा ।
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