- खाना-नाश्ता एवं अन्य दूसरी सरकारी सुविधा के पैसों कर्मचारी में बंदरबांट
- पीएचसी में भ्र्ष्टाचार चरम सीमा पर, भगवान भरोसे अस्पताल में रहने पर मजबूर है मरीज
बिस्फी/मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति आए दिन बद से बदतर स्थिति में देखी जाती है। बताते चले की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर प्रसव वार्ड, बच्चा वार्ड एवं परिसर में गंदगी ही गंदगी ही फैला हुआ है। क्षेत्र से आए मरीजों को बेडशीट लगाने में भी पीएचसी के द्वारा कटौती की जाती है वहीं सरकार के द्वारा डिलीवरी पेशेंट को मिलने वाली सुविधाएं में भी भारी कटौती की जा रही है एवं डिलीवरी पैसेन्ट को नाश्ता, भोजन, चाय, फल, अंडा अन्य सरकार के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं में प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा केवल कागजो पर ही मरीजों को भोजन एवं सभी सुविधाएं दे दी जाती हैं। हमारे संवाददाता ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जब इसकी पड़ताल की, तो क्षेत्र से आए मरीजों से पूछताछ में यह पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा दी जारी सुविधा केवल कागज पर ही चल रही है। विभाग एवं जनप्रतिनिधियों के मिलीभगत से सरकार के द्वारा दी जा रही सुविधाओं में कागज पर ही सभी प्रक्रिया कर पैसों में बंदरबांट एवं कमीशन की भेंट चढ़ जाती हैं। पीएचसी के ऐसे रबैया से आम जन को काफी कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है, लेकिन इस मुद्दों से जनप्रतिनिधियों को कोई मतलब नही हैं। मानो की जैसे अस्पताल में कोई इंसान नही, बल्कि जानवर को भर्ती की गई हो। हालांकि इसकी सूचना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हेल्थ मैनेजर अजीत कुमार मिश्रा को दी गई, तो उन्होंने मौके पर आकर खुद बारीकी से इस सभी मामले को देखा और उन्होंने आगे की प्रक्रिया कर विभाग को देने की बात कही। वहीं इस मामले में सिविल सर्जन मधुबनी को भी संज्ञान में दी गई है।
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