- लाइट एंड साउंड शो देख निहाल हुए डेलीगेट्स, जाना गौतम बुद्ध की जीवन यात्रा
- संग्रहालय में ऐतिहासिक शिलालेखों के साथ ही अशोक स्तंभ देखा, जी20 सदस्यों ने चंद्रमा पर सफल मिशन के लिए भारत को बधाई दी
वाराणसी (सुरेश गांधी) भारत की अध्यक्षता में जी20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक में जी20 सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मसौदा घोषणा पर चर्चा शुरू हुई। संस्कृति मंत्रालय के सचिव और जी20 सीडब्ल्यूजी के अध्यक्ष गोविंद मोहन ने स्वागत भाषण दिया। चार घंटे के गहन मंत्रणा के बाद सायंकाल डेलीगेट्स ने गौतम बौद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ का भ्रमण किया। इस दौरान लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से उन्हें गौतम बुद्ध की जीवन यात्रा से परिचित कराया गया। संग्रहालय में उन्होंने ऐतिहासिक शिलालेखों के साथ ही अशोक स्तंभ देखा। कला संस्कृति के तहत कलाकारों ने लोकनृत्य से भारतीय संस्कृति को न सिर्फ जीवंत किया, बल्कि विदेशी मेहमानों को झूमने पर विवस कर दिया। बैठक में गोविन्द मोहन ने कहा कि मुझेदृढ़ विश्वास है कि सीडब्ल्यूजी संस्कृति विकास के लिए नए और अधिक समावेशी दृष्टिकोण को सूचित करेगी। साथ ही यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के हमारे दृष्टिकोण को भी नया आकार देगी। संस्कृति की एकजुट शक्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृति का सार्वभौमिक कैनवास साझा मानव यात्रा का प्रतीक है, जो वैश्विक रिश्तेदारी की हमारी भावना को मजबूत करता है। जी20 सीडब्ल्यूजी के अध्यक्ष ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा हासिल की गई असाधारण उपलब्धि की भी सराहना करते हुए कहा कि अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भारत की बढ़ती शक्ति को रेखांकित करता है। उन्होंने बताया कि जी20 सदस्यों ने भी चंद्रमा पर सफल मिशन के लिए भारत को बधाई दी है।
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव और जी20 सीडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्ष श्रीमती लिली पांडे ने खजुराहो में पहली बैठक के बाद से सीडब्ल्यूजी की प्रक्रिया की संक्षिप्त जानकारी के साथ परिचयात्मक टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि पहली दो संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने सीडब्ल्यूजी को सदस्यता में कामकाजी गतिशीलता बनाने में सक्षम बनाया है, जो वैश्विक विषयगत वेबिनार के परिणामों से समृद्ध हुआ था। हम्पी में तीसरा संस्कृति कार्य समूह एक महत्वपूर्ण क्षण था जिसने सीडब्ल्यूजी के काम को आकार दिया और सामूहिक कार्रवाई और कामकाजी दस्तावेजों को आकार देने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया। इसके पूर्व उद्घाटन सत्र के बाद, 26 अगस्त को आगामी संस्कृति मंत्रियों की बैठक के लिए संस्कृति मंत्रियों की घोषणा के मसौदे पर चर्चा में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के साथ सत्र का शुभारंभ हुआ। आने वाले दिनों जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। इस दौरान भारत आम समिति से एक निर्णय पर पहुंचना चाहता है जहां संस्कृति नीति निर्माण के केंद्र में हो और व्यापार, पर्यटन और डिजिटल क्षेत्रों जैसे अन्य प्रमुख नीति क्षेत्रों के साथ इसके परस्पर क्रिया का लाभ उठाता है। जैसे-जैसे भारत जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए तैयार हो रहा है, वह आम सहमति से परिणामों को अपनाने की इच्छा रखता है जो संस्कृति को नीति निर्माण के केंद्र में रखता है। व्यापार, पर्यटन और डिजिटल क्षेत्रों जैसे अन्य प्रमुख नीति क्षेत्रों के साथ इसके परस्पर क्रिया का लाभ उठाता है। प्रतिनिधियों ने भारत की समृद्ध संगीत परंपराओं - “वेव्स ऑफ म्यूजिक“ को प्रदर्शित करने वाले एक गहन सांस्कृतिक प्रदर्शन का भी अनुभव किया। जिसमें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को परिलक्षित करने वाली चार रोमांचक प्रस्तुतियां थीं। शुक्रवार को होने वाली बैठक में जी20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ 26 अगस्त को आगामी संस्कृति मंत्रियों की बैठक के लिए संस्कृति मंत्रियों की घोषणा के मसौदे पर चर्चा जारी रहेगी।
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