बैंगलोर ,विजय सिंह, लाइव आर्यावर्त, 12 अगस्त, देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन शिक्षा संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ,बैंगलोर के कुछ पूर्व और वर्तमान प्रोफेसरों ने भड़काऊ और विद्वेष फैलाने वाले टीवी चैनलों को कॉर्पोरेट घरानों और कॉर्पोरेट पेशेवरों से विज्ञापन ,अनुदान ,प्रायोजन या किसी अन्य मद में आर्थिक सहयोग नहीं करने का आह्वान किया है। कॉर्पोरेट भारत को लिखे गए खुले पत्र में इन शिक्षाविदों ने कहा है कि विगत कुछ वर्षों में टेलीविज़न समाचारों और सोशल मीडिया में नफरती सामग्री परोसना आम बात हो गई है। इनका मानना है कि टेलीविज़न पर नकारात्मक,अमानवीय और अमर्यादित भाषा युक्त विषय का प्रयोग खतरनाक स्तर तक पहुँच चुकी है। हाल के कुछ दंगों और अपरिहार्य स्थितियों में पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ साथ सरकारी तंत्र की निष्क्रियता और उदासीनता का भी जिक्र इन प्रबंधन शिक्षकों ने पत्र में किया है। आईआईएमबी के 17 वर्तमान और पूर्व शिक्षकों सुश्री अनुभा धस्माना,अर्पिता चटर्जी ,बी के चंद्रशेखर ,दीपक मालघान ,हेमा स्वामीनाथन ,कृष्णा टी कुमार ,मलय भट्टाचार्य ,मीरा भकरू , पीडी जोस ,प्रतीक राज ,राघवम श्रीनिवासम ,राजलक्ष्मी वी मूर्ति , ऋत्विक बनर्जी,शालिक एम एस ,सोहम साहू ,श्रीनिवासन मुरली और विनोद व्यासुलु द्वारा निजी हैसियत से लिखी गयी इस खुली चिट्ठी में कहा है कि भारत में शांति सद्भाव और आपसी विश्वास का लंबा इतिहास रहा है और अभी भी भारत में बड़े पैमाने पर हिंसक संघर्ष का जोखिम बहुत छोटा है लेकिन आज से ही इस पर विचार कर रोकथाम के उपाय करने होंगे। इन प्रबंधन गुरुओं का मानना है कि शांति ,आपसी समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम की नीति पर चल कर ही भारत आनेवाले दिनों में दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बन सकती है। उनका मानना है कि देश में शांति, स्थिरता और एकजुटता बनाए रखना कॉर्पोरेट भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, जिसके बिना भारत आर्थिक महाशक्ति नहीं बन सकता। नफरत और गलत सूचना के प्रसार को रोकने में कॉर्पोरेट भारत के नीति निर्धारकों और पेशेवरों की महती भूमिका है। प्रबंधन शिक्षा शास्त्रियों के इस स्वायत्त समूह ने घृणा व नकारात्मकता को वित्त पोषित करना बंद करने ,नैतिकता पूर्ण व जवाबदेह संस्थाओं / पक्षकारों का समर्थन करने , एक बेहतर कार्य संस्कृति तैयार करने और एकता व भाईचारे के लिए अपनी आवाज प्रखर करने का आह्वान कॉर्पोरेट भारत से किया है।
शनिवार, 12 अगस्त 2023
आईआईएम के प्रोफेसरों ने किया भड़काऊ चैनलों को विज्ञापन नहीं देने का आह्वान
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें