ऐतिहासिक प्लेडीयम सिनेमा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 26 अगस्त 2023

ऐतिहासिक प्लेडीयम सिनेमा

Historical-pladdium-cinema
श्रीनगर-कश्मीर में पच्चास और साठ के दशक में जिन सिनेमा-हालों की चर्चा हुआ करती थी,उनमें प्लेडीयम,रीगल और अमरीश के नाम याद आते हैं। प्लेडीयम सिनेमा हाल संभवतः सब से पुराना हाल था। 1932 में अनंत सिंह गौरी, नाम के एक पंजाबी व्यापारी द्वारा इसका निर्माण किया गया था और माना जाता है कि यह कश्मीर का पहला मूवी थिएटर था। शुरुआत में इसे ‘कश्मीर-टॉकीज़’ के नाम से जाना जाता था और बाद में इसे ‘प्लेडीयम’ नाम से जाना जने लगा। इस हाल में महिला सिनेमा-दर्शकों के लिए एक अलग महिला-गैलरी हुआ करती थी।शुरुआत में प्लेडीयम में केवल हॉलीवुड फ़िल्में प्रदर्शित हुआ करती थी और भारत की पहली ध्वनि-चित्रित फिल्म ‘आलम आरा’ इसमें दिखाई गयी थी।बाद हॉलीवुड की अंग्रेजी फ़िल्में भी इस हाल में दिखायी जाने लगी। मुझे याद पड़ रहा है कि उस ज़माने में लोअर/थर्ड क्लास का टिकेट साढ़े-आठ आने हुआ करता था और सिनेमा-जुनूनियों की भीड़ टिकेट-घर के सामने घंटों पहले लाइन बनाकर खड़ी हो जाती थी।कभी-कभी भीड़ अनियंत्रित भी हो जाती थी। मैं ने भी इस हाल में ‘बालपन’ में कईं फ़िल्में देखी हैं।पुरानी यादों के कोष को खंगालना कितना अच्छा लगता है!




—डॉ० शिबन कृष्ण रैणा—

कोई टिप्पणी नहीं: