बिहार : लालू, तेजस्वी को जितना दबाओगे वो उतना ही उभरेंगे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 22 अगस्त 2023

बिहार : लालू, तेजस्वी को जितना दबाओगे वो उतना ही उभरेंगे

  • ईडी की रेड के बाद सीबीआई

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पटना. भारत के बिहार राज्य के राजनेता व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव हैं.लालू प्रसाद यादव का जन्म 11 जून 1948 को हुआ है.इस 75 साल के वंदे में है दम से मोदी सरकार घबरा गई है.2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने सीबीआई और ईडी का सहारा लेने लगी है.लालू के परिवार वाले एवं पार्टी के लोगों का कहना है कि हमलोग डरने वाले नहीं हैं. लालू, तेजस्वी को जितना दबाओगे वो उतना ही उभरेंगे. 

       

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. बाद में उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मंत्री का कार्यभार सौंपा गया.वे 15वीं लोक सभा में सारण (बिहार) से सांसद थे.उन्हें बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी.इस सजा के बाद लोक सभा की सदस्यता चली गई.  इस सजा के कारण बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार रांची में रखा गया था. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के विशेष न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा जबकि उन पर कथित चारा घोटाले में भ्रष्टाचार का गम्भीर आरोप सिद्ध हो चुका था.3 अक्टूबर 2013 को न्यायालय ने उन्हें पाँच साल की कैद और पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी. दो महीने तक जेल में रहने के बाद 13 दिसम्बर को लालू प्रसाद को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली.  राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर लैंड फॉर जॉब मामले का ठप्पा लगा.जब उनसे लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई से पूछे गए सवाल के बारे में जानने के लिए मीडिया ने राबड़ी देवी से सवाल किया तो उन्होंने कहा था कि ये सब तो होता रहता है, हमारे घर सीबीआई आती जाती रहती है. ये कोई नई बात थोड़ी ही हैं. वहीं तेजस्वी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि जब तक आप बीजेपी में रहेंगे तक आप राजा हरीशचन्द्र होंगे, जैसे ही आप अलग होंगे, करप्ट हो जाएंगे.भाजपा की ये करतूत बिहार की जनता सब देख रही है.  राष्ट्रीय अध्यक्ष कभी भी नहीं बीजेपी की वाशिंग मशीन क्लिन होना नहीं चाहेंगे. दरअसल, लालू यादव पर आरोप है कि जब वो साल 2004-2009 में रेल मंत्री के पद पर थे. तब उन्होंने रेलवे ग्रुप डी की नौकरी देने के बदले बहुत ही कम दाम में तोहफे के तौर पर जमीनें लीं, जिसमें उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं. राजद प्रमुख पर यह भी आरोप है कि पहले वो अस्थाई तौर पर रेलवे में नियुक्ति करते थे लेकिन बाद में जमीन की डील पूरी हो जाने पर स्थाई रूप से नौकरी दी जाती थी. रेलवे नौकरी घोटाले के मामले में सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर के महीने में दिल्ली के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव और उनके परिवार की संपत्ति तीसरी बार अटैच किया है. लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने ने मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री रहते हुए गलत तरीके से अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीन ली. यह बताया जा रहा है कि लालू यादव ने लोगों से जमीन के बदले उन्हें रेलवे में अलग-अलग जगहों पर नौकरी दी. पूर्व रेल मंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को बड़ा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने लालू यादव और उनके परिवार की 6 करोड़ 2 लाख की संपत्ति को अटैच (ED attached property) किया है. इसमें गाजियाबाद और बिहार की संपत्ति शामिल है.  वहीं बिहार के डिप्टी सीएम और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित 'डी ब्लॉक' वाली प्रॉपर्टी को भी अटैच किया है. इसके अलावा यूपी में लालू यादव की बेटी हेमा यादव की संपत्ति को भी ईडी ने अटैच किया है. ईडी की यह कार्रवाई रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में की गई. अब सीबीआई का नया कारनामा सामने आया है कि सीबीआई ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाले के सिलसिले में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को दी गई जमानत को रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी है.कोर्ट ने शीघ्र सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.

         

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, इस मामले पर अगले शुक्रवार यानी 25 अगस्त को सुनवाई होने की संभावना है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के सामने मामले का उल्लेख किया और जमानत रद्द करने की याचिका को तत्काल सुनवाई करने की मांग की. पिछले साल अप्रैल में, झारखंड उच्च न्यायालय ने डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ रुपये की निकासी से संबंधित पांचवें चारा घोटाला में लालू प्रसाद को जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने दुमका और चाईबासा कोषागार से फर्जी तरीके से धन निकासी के मामले में 17 अप्रैल, 2021 और 9 अक्टूबर, 2020 को जमानत आदेशों को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर पहले ही नोटिस जारी कर दिया था.  किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू प्रसाद यादव नई ऊर्जा के साथ केंद्र व बिहार की सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेने लगे है. वहीं लालू प्रसाद यादव के एक बार फिर से राजनीति में दखल से राजद को भी मजबूती मिल रही है. माना जा रहा है कि तेजस्वी के लिए मिशन 'राज तिलक' की भी नीति बनाने में लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी अहम साबित होने वाली है. I.N.D.I.A की बैठक में भी शामिल हो रहे हैं.जो मोदी सरकार को नापसंद है.  मजे की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी स्वीकार कर लिया है. 25 अगस्त को सीबीआई की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. दूसरी ओर 31 अगस्त और एक सितंबर को I.N.D.I.A की बैठक होनी है. बैठक से पहले लालू यादव की जमानत रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है.अगर लालू यादव की जमानत रद्द हो जाती है तो मुंबई में होने वाली बैठक पर इसका असर पड़ना तय है. इससे पहले पटना और बेंगलुरु में हुई दोनों बैठकों में सीएम नीतीश कुमर और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ आरजेडी प्रमुख लालू यादव भी मौजूद थे. अब I.N.D.I.A की तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है. इस बैठक से पहले ठीक पहले लालू यादव की जमानत रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

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