- जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर वर्षापात ,नदियों का जलस्तर,तटबंधों की निगरानी, रेनकट, क्षतिग्रस्त सड़को की मरम्मति,सिंचाई के साधनों, संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि का किया विस्तृत समीक्षा।
- जिलाधिकारी ने लगातार बांधो की नाईट पेट्रोलिंग करते रहने का दिया निर्देश। पिछले दिनों भारी वर्षा के दौरान कुल 53 स्थानो पर रेन कट हुए जिसमे 41 की मरम्मति हो चुकी है शेष की भी युद्धस्तर पर मरम्मति जारी।
- अभी तक 100.512 प्रतिशत धान की हुई रोपनी। मानसून की वर्षा कभी भी जिले को प्रभावित कर सकती है, एवं कभी भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है,इसलिये सभी संबधित पदाधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे
मधुबनी , जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक कर जिले वर्षापात की स्थिति, नदियों का जल स्तर,तटबंधों की निगरानी,रेनकट,क्षतिग्रस्त सड़को की मरम्मति,भूजलस्तर ,चापाकलों की स्थिति, सिंचाई के साधनों, संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों आदि का विस्तृत समीक्षा किया। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक 100.512 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में अभी तक 286 mm वर्षापात हुई है,जो अभी तक सामान्य से 0.5 प्रतिशत अधिक है।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी संबधित पदाधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखे। उन्होंने सिंचाई विभाग के उपस्थित अभियंताओं को निर्देश दिया की जिन-जिन क्षेत्रों में नहर की व्यवस्था है,वहाँ नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुचाये। समीक्षा के क्रम यह पाया गया कि वर्तमान में महत्त्वपूर्ण नदियों का जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है ।उन्होंने निर्देश दिया की वर्तमान में हो रही वर्षापात को देखते हुए नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाये रखे एवं तटबन्धों की 24 घंटे निगरानी भी करते रहे,साथ ही नाईट पेट्रोलिंग लगातार करे।समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि पिछले दिनों भारी वर्षा के दौरान कुल 53 स्थानो पर रेन कट हुए जिसमे 41 की मरम्मति हो चुकी है शेष की भी मरम्मति जारी है। जिलाधिकारी ने इसे युद्धस्तर पर मरम्मति करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए कहा कि मानसून की वर्षा कभी भी जिले को प्रभावित कर सकती है, एवं कभी भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है,इसलिये सभी संबधित पदाधिकारी पूरी तरह से अलर्ट मोड में ही रहे।उन्होंने एसडीओ एवं सीओ को तटबंधों, शरणस्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि संबधित अभियंता एवं एसडीओ प्रतिदिन तटबंधों का निरीक्षण कर रेनकट आदि से क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मति करवाये साथ प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट भी भेजे।जिले के सभी चिन्हित शरण स्थलों में स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहे ,इसे सुनिश्चित कर ले। उन्होंने सिविल सर्जन से चिकित्सा संबंधी सभी तैयारियों की जानकारी ली और कहा कि सर्पदंश सहित सभी आवश्यक दवाइयों की कमी न होने पाए। उन्होंने सिविलसर्जन को निर्देश दिया कि जलजमाव वाले क्षेत्रों में वर्षाजन्य बीमारियों से बचाव आदि को लेकर लगातार गंभीरतापूर्वक प्रयास करे। जिलाधिकारी ने पहचान किये गए संकटग्रस्त समूहों को बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर त्वरित सहायता हेतु भी कार्ययोजना बनाने का भी निर्देश दिया ।जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को लंपी रोग से निपटने हेतु पूरी सजगता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने लगातार कैम्प लगाकर पशुपालकों के बीच जागरूकता अभियान चलाते रहने का निर्देश दिया। उक्त बैठक में डीडीसी विशाल राज,नगर आयुक्त अनिल चौधरी,डीपीआरओ सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी,सभी संबधित कार्यपालक अभियंता सहित जिले के सभी वरीय पदाधिकारी वीसी कक्ष से और सभी अनुमंडल पदाधिकारी, एवंअंचल अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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