- राजकमल प्रकाशन समूह ने हिन्दी जगत को प्रदान की नई गति
- साहित्य, संस्कृति तथा ज्ञान का अद्भुत समागम है ‘ज्ञान पर्व’
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुआ राजकमल प्रकाशन समूह के ‘ज्ञान पर्व’ का उद्घाटन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मेजर ध्यानचंद छात्र गतिविधि केन्द्र के सभागार में दिनांक 21 अगस्त से 26 अगस्त 2023 तक आयोजित ‘राजकमल ज्ञानपर्व’ का उद्घाटन वरिष्ठ साहित्यकार व आलोचक प्रो. राजेन्द्र कुमार के कर-कमलों द्वारा दोपहर 2.30 बजे सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की वन्दना के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ। इस अवसर पर ‘हिंदी प्रकाशन में इलाहाबाद का योगदान’ विषय पर चर्चा आयोजित की गयी। विषय पर अपना वक्तव्य रखते हुए प्रो. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि इलाहाबाद शुरू से ही साहित्यिक गतिविधियों का केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि यह अवसर साहित्य, संस्कृति तथा ज्ञान का अद्भुत समागम है। उन्होंने साहित्यकारों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों का आह्वान किया कि वे इसका पूरा-पूरा लाभ उठायें। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. प्रणय कृष्ण ने कहा कि पुस्तक संस्कृति के उत्तरोत्तर विकास के लिए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के शिक्षकों तथा शोधार्थियों को एक साथ मिलकर संयुक्त रूप से प्रयास करना चाहिए। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कन्हैया सिंह ने कहा कि साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से अमर रहता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यहाँ उपलब्ध ज्ञानवर्द्धक पुस्तकें खरीदकर ज्ञानार्जन करना चाहिए जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके।
प्रख्यात गीतकार यश मालवीय ने इलाहाबाद की गौरवमयी साहित्यिक परम्परा का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राजकमल प्रकाशन समूह ने श्रेष्ठ हिन्दी साहित्य के विकास हेतु साहित्यिक तथा छात्रोपयोगी पुस्तकों का प्रकाशन करके हिन्दी जगत को नयी गति प्रदान किया है। लोकभारती प्रकाशन के वयोवृद्ध संरक्षक रमेश ग्रोवर ने लोकभारती की स्थापना के 63 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस लम्बी प्रकाशन यात्रा के विषय में विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन सी.एम.पी. डिग्री कॉलेज के असिस्टेण्ट प्रोफेसर डॉ. प्रेमशंकर द्वारा किया गया। अन्त में धन्यवाद ज्ञापन राजकमल प्रकाशन समूह के विशेष कार्याधिकारी आमोद महेश्वरी ने प्रस्तुत किया।
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