चित्तौड़गढ़। हिंदी भाषा और साहित्य के प्रसिद्ध सेतु प्रकाशन ने अपनी प्रतिष्ठित पुस्तक शृंखला 'प्रारम्भिकी' में चित्तौड़गढ़ की मूल निवासी और राजस्थान विश्वविद्यालय में हिंदी की सहायक आचार्य डॉ रेणु व्यास द्वारा लिखित पुस्तक का प्रकाशन किया है। साहित्य और संस्कृति के संस्थान 'सम्भावना' के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने एक विज्ञप्ति में बताया कि हिंदी के विख्यात लेखक स्वयं प्रकाश के अवदान और महत्त्व पर डॉ व्यास लिखित इस पुस्तक को सेतु प्रकाशन ने छापा है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में स्वयं प्रकाश की कहानियों, उपन्यासों, निबंधों, नाटकों और बाल साहित्य का मूल्यांकन प्रस्तुत किया गया है। 'प्रारम्भिकी' शृंखला में अमीर खुसरो, मीरां, प्रेमचंद, दिनकर जैसे बड़े साहित्यकारों के बाद स्वयं प्रकाश पर इस पुस्तक का प्रकाशन हुआ है। लगभग दो सौ पृष्ठों की इस पुस्तक के पुस्तकालय और सामान्य संस्करण अब प्रमुख पुस्तक विक्रय केंद्रों और ऑनलाइन उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि स्वयं प्रकाश हिंदी के जाने माने कथाकार और लेखक थे जिन्होंने हिन्दी कहानी लेखन में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान किया। वे लम्बे अरसे तक चित्तौड़गढ़ में हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड में सतर्कता अधिकारी भी रहे थे। ज्ञातव्य है कि डॉ रेणु व्यास ने इससे पहले स्वयं प्रकाश से लिए साक्षात्कारों का संचयन भी एक जिल्द में 'मेरे साक्षात्कार' शीर्षक से प्रस्तुत किया था। संभावना संस्थान से जुड़े डॉ कनक जैन ने बताया कि चित्तौड़गढ़ की मूल निवासी डॉ रेणु व्यास इन दिनों राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में अध्यापन कर रही हैं और अपनी अनेक साहित्यिक कृतियों के लिए चर्चित रही हैं। डॉ व्यास की शिक्षा दीक्षा चित्तौड़गढ़ में हुई है जहाँ उनके पिता राजकीय महाविद्यालय में अध्यापक रहे थे। उनकी इस उपलब्धि पर संभावना के सदस्यों ने बधाई दी है।
शुक्रवार, 18 अगस्त 2023
चित्तौड़गढ़ : प्रारम्भिकी पुस्तकमाला में रेणु व्यास की पुस्तक का प्रकाशन
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