अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि तीन नवंबर को राष्ट्रीय कर्मचारी रैली ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व होगी। उन्होंने दो टूक चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली, ठेका संविदा कर्मियों की रेगुलराइजेशन आदि मांगों की अनदेखी की, तो लोकसभा चुनाव में भाजपा व उसके सहयोगी दलों को केंद्र एवं राज्य कर्मियों और पेंशनर्स तथा उनके करोड़ों परिजनों की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने वन नरेश वन इलेक्शन का नारा उछालने वाले सवाल किया कि वन नेशन में वन पेंशन क्यों नहीं है? एनपीएस और ओपीएस दो प्रकार की पैंशन क्यों है? वन नेशन में दो प्रकार के कर्मचारी (नियमित व ठेका संविदा) कर्मचारी क्यों है? उन्होंने कहा कि आज देश में भयंकर बेरोजगारी है और दूसरी तरफ केन्द्र एवं सरकार के विभागों और पीएसयू में करोड़ों पद रिक्त हैं। सरकार रिक्त पदों को भरने को तैयार नहीं है। हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा चुनावी जुमला ही साबित हुआ। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ बड़े पूंजीपतियों के लाखों करोड़ रुपए माफ कर रही है, और लाखों करोड़ रुपए की टैक्सों में राहत दे रही है और दूसरी तरफ खाने पीने की चीजों पर भी जीएसटी लागू कर दिया गया है। आठवें पे कमीशन का गठन नहीं किया जा रहा है और ना ही 18 महीने के बकाया डीए का भुगतान किया जा रहा है। जनता के खून पसीने और टैक्स पेयर्स के पैसे से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों एवं पीएसयू को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर निरंतर हमले किए जा रहे हैं और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली यूनियन एवं एसोसिएशन की मान्यता रद्द की जा रही है। इसलिए केन्द्र एवं राज्य कर्मियों में भारी आक्रोश है कि वह लाखों की तादाद में दिल्ली रैली में लाखों की तादाद में पहुंच कर माकूल जवाब देंगे। कर्मचारी सभा में सीटू के नेता मनोज यादव बिहार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेता मीरा कुमारी व श्याम सुंदर यादव आदि मौजूद थे।
मधुबनी, पुरानी पेंशन बहाली, ठेका संविदा कर्मियों की रेगुलराइजेशन, आठवें पे कमीशन का गठन,18 महीने के बकाया डीए का भुगतान, खाली पड़े पदों को भरने और निजीकरण की मुहिम पर रोक लगाने आदि मांगों को लेकर केंद्र एवं राज्य कर्मचारी 3 नवंबर को रामलीला मैदान नई दिल्ली में राष्ट्रीय कर्मचारी रैली करेंगे। इस रैली का आह्वान अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ और कनफरडेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स ने संयुक्त तौर पर किया है। रैली की मांगों और मांगों के प्रति सरकार के अड़ियल रवैए तथा कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों की प्रत्येक कर्मचारी को जानकारी देने के लिए 9 अगस्त से सभी राज्यों में कर्मचारी वाहन जत्थे चले हुए हैं। 9 अगस्त से शहीद स्मारक पटना से शुरू हुआ कर्मचारी वाहन जत्था बीस जिलों से होते हुए शनिवार को मधुबनी टाऊन हॉल में पहुंचा। इस जत्थे में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, कोषाध्यक्ष शशीकांत राय, राष्ट्रीय सचिव एवं बिहार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुबेश सिंह, राज्य अध्यक्ष नीलम कुमारी, पूर्व राज्य अध्यक्ष लक्ष्मीकांत झा, पूर्व उपाध्यक्ष राम कुमार झा,राज्य संयुक्त मंत्री संजीव ठाकुर, दरभंगा प्रमंडल के मंत्री राजीव रंजन कुमार शामिल थे। मधुबनी नगर के टाऊन हॉल में पहुंचने पर जत्थे में शामिल नेताओं का बिहार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्य संयुक्त मंत्री प्रीती लाल दास, जिला मंत्री गणपति झा और जिला अध्यक्ष आनंद मोहन चौधरी आदि के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी ने जोरदार स्वागत किया। टाउन हॉल में जिला अध्यक्ष आनंद मोहन चौधरी की अध्यक्षता में आम सभा का आयोजन किया गया। सभी को संबोधित करते हुए जिला मंत्री गणपति झा ने कहा कि तीन नवंबर की दिल्ली रैली में जिले से सैकड़ों कर्मचारी शामिल होंगे।
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