दरभंगा : एम्स को लेकर एमएसयू का "अनिश्चितकालीन आमरण अनशन" शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 12 सितंबर 2023

दरभंगा : एम्स को लेकर एमएसयू का "अनिश्चितकालीन आमरण अनशन" शुरू

  • केंद्र विरोधी नारों से गुंजायमान रहा 'कर्पूरी चौक' स्थित धरना स्थल
  • केंद्रीय मंत्री के आगमन एवं आश्वासन उपरांत तोड़ेंगे अनशन 

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दरभंगा, विदित हो कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मिथिला स्टूडेंट यूनियन द्वारा कर्पूरी चौक स्थित पूर्व निर्धारित पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन आज से आरम्भ हो गया है।  इस अनशन में अभिभावक उग्रनाथ मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रणधीर झा, विजय श्री टुन्ना, अभिषक झा, नीरज क्रांतिकारी, नवीन सहनी, संजय झा, अभिषेक यादव, मोहित झा समेत दर्जनों लोग बैठे हुए है। अनशनकरियो ने बुलंद इरादे के साथ कहा कि यह केंद्रीय शासन की गतिविधि मिथिला विरोधी है। एम्स को लेकर केंद्र व राज्य की सरकारें लगातार मूर्ख बनाते आ रही है।  पिछले आठ सालों से एक पाले से दूसरे पाले करके लटकाने की साजिश कर रही है। मिथिला के लोगों का सबसे बडा दर्द यही है कि केंद्र की मिथिला विरोधी सरकार मिथिला संबंधित किसी मुद्दे को समय पर पूरा होने दे ही नहीं सकते। कैसे भी करके काम को लटकाएंगे ही। एम्स को आठ साल तक अटका के रखा है। यह सरकार लगातार मिथिला के साथ छल करने का काम किया है। मिथिला स्टूडेंट यूनियन का प्रयास यह है कि दरभंगा में शीघ्र अतिशीघ्र अबिलम्ब एम्स का निर्माण हो। यहाँ के लोगो के स्वास्थ्य सेवा के अभाव में अन्य राज्यो में असहनीय दुखो का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन यह सरकार लगातार मिथिला को शोषित, सस्ता लेबर जोन बनाने का कोशिश कर रहा है। आमरण अनशन को संबोधित करते हुए अविनाश भारद्वाज ने वर्तमान सांसद पर प्रहार करते हुए कहा कि दरभंगा को अविकसित बनाने में सबसे बड़ा रोल यहाँ के सासंद का रहा है। ना कोई विकसित विजन हैं, ना ही विकास का रोल, केवल हवा-हवाई और फोटोबाजी करके यहाँ के सांसद अकर्मण्यता का घूँट पी रहे है।


वहीं, प्रदेश संगठन मंत्री विजय श्री टुन्ना ने कहा मिथिला के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, साहित्यिक और भाषा के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए,  मिथिला सूखा और बाढ़ का निरंतर शिकार होता आ रहा है। जहां एक और खेती चौपट हो गई है, वहीं मिथिला के मजदूर पलायन करने को विवश हो रहे हैं। चीनी मिल, पेपर मिल, जूट मिल व अन्य उद्योग धंधे आदि यहां कबाड़ का ढेर मात्र बने हुए हैं। कृषि, उद्योग-धंधा, पर्यटन, शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता हैसंविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित विश्व की सबसे मधुर  एकमात्र भाषा मैथिली को राज-काज की भाषा, प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्यता। भौगौलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से मिथिला के पास एक राज्य की सारी योग्यताएं हैं। सांसद एकदम से अयोग्य हैं, इनके अंदर दरभंगा के प्रति इच्छा शक्ति नहीं है। ऐसे अकर्मण्य लोगो को सत्ता पर रहने का कोई औचित्य नही है।  दरभंगा के प्रति इनकी प्रतिबद्धता दिखाती है कि ये पूर्णतः सत्ता के चाटुकार, जनता के आमहित के विरोधी है। इन्होंने केवल व केवल जनता को ठगने का काम किया है।  इस अनिश्चितकालीन अनशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य मोहन, गोपाल चौधरी, मिथिलावादी नेता विद्या भूषण राय, प्रियरंजन पांडेय, अनूप मैथिल संस्थापक, उदय नारायण, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अविनाश मिश्र(पूर्णिया), मधुबनी जिलाध्यक्ष राघवेंद्र रमण, मयंक विश्वास, राजेश मंडल, विकास साहू, मिथिलावादी पार्टी जिलाध्यक्ष विनय ठाकुर, अभिषेक (निर्मली), सुमित, अनीश, भरत महापात्रा, अरविंद, अर्जुन दास, अविनाश सहनी, प्रसुन चौधरी, दिवाकर मिश्रा, रणवीर, अविनाश सत्यपति, सदरे आलम, सब्बू खान, कृष्णमोहन, सुधांशु(समस्तीपुर), शिवम प्रणव, विकास साहू, शशि सिंह, ऋषि सिंह, अमित भंडारी, ओमप्रकाश समेत दर्जनों सेनानी उपस्थित थे।

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