- केंद्र विरोधी नारों से गुंजायमान रहा 'कर्पूरी चौक' स्थित धरना स्थल
- केंद्रीय मंत्री के आगमन एवं आश्वासन उपरांत तोड़ेंगे अनशन
वहीं, प्रदेश संगठन मंत्री विजय श्री टुन्ना ने कहा मिथिला के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, साहित्यिक और भाषा के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए, मिथिला सूखा और बाढ़ का निरंतर शिकार होता आ रहा है। जहां एक और खेती चौपट हो गई है, वहीं मिथिला के मजदूर पलायन करने को विवश हो रहे हैं। चीनी मिल, पेपर मिल, जूट मिल व अन्य उद्योग धंधे आदि यहां कबाड़ का ढेर मात्र बने हुए हैं। कृषि, उद्योग-धंधा, पर्यटन, शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता हैसंविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित विश्व की सबसे मधुर एकमात्र भाषा मैथिली को राज-काज की भाषा, प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्यता। भौगौलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से मिथिला के पास एक राज्य की सारी योग्यताएं हैं। सांसद एकदम से अयोग्य हैं, इनके अंदर दरभंगा के प्रति इच्छा शक्ति नहीं है। ऐसे अकर्मण्य लोगो को सत्ता पर रहने का कोई औचित्य नही है। दरभंगा के प्रति इनकी प्रतिबद्धता दिखाती है कि ये पूर्णतः सत्ता के चाटुकार, जनता के आमहित के विरोधी है। इन्होंने केवल व केवल जनता को ठगने का काम किया है। इस अनिश्चितकालीन अनशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य मोहन, गोपाल चौधरी, मिथिलावादी नेता विद्या भूषण राय, प्रियरंजन पांडेय, अनूप मैथिल संस्थापक, उदय नारायण, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अविनाश मिश्र(पूर्णिया), मधुबनी जिलाध्यक्ष राघवेंद्र रमण, मयंक विश्वास, राजेश मंडल, विकास साहू, मिथिलावादी पार्टी जिलाध्यक्ष विनय ठाकुर, अभिषेक (निर्मली), सुमित, अनीश, भरत महापात्रा, अरविंद, अर्जुन दास, अविनाश सहनी, प्रसुन चौधरी, दिवाकर मिश्रा, रणवीर, अविनाश सत्यपति, सदरे आलम, सब्बू खान, कृष्णमोहन, सुधांशु(समस्तीपुर), शिवम प्रणव, विकास साहू, शशि सिंह, ऋषि सिंह, अमित भंडारी, ओमप्रकाश समेत दर्जनों सेनानी उपस्थित थे।
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