—डा० शिबन कृष्ण रैणा—
जी 20 बीस देशों के बीच मुख्यतया आर्थिक सहयोग और समन्वय प्रदान करने का एक संगठन है।जी 20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी देशों का समूह । ये 20 देश साल में एक बार एक सम्मेलन के लिए इकट्ठा होते हैं और दुनियाभर के आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ जलवायु-परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, भ्रष्टाचार-विरोध और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इस बार हमारे देश को इस ग्रुप की मेज़मानी और इसकी अध्यक्षता करने का अवसर मिला है। इससे भारत को ग्रुप के सदस्य-देशों के साथ व्यापार-संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार भविष्य की ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ और समृद्धि को हासिल करने में जी20 की एक रणनीतिक भूमिका रहती है। इसमें शामिल देशों से भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छा-खासा इन्वेस्टमेंट आ सकता है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति में मजबूती की उम्मीद बनती है। G20 की अध्यक्षता करने से भारत को वैश्विक-मंच पर एक प्रमुख और महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में देखा जा रहा है। G20 में जो देश शामिल हैं, उनके नाम हैं: ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।बीसवां देश यूरोपीय संघ है।
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