- युवा जत्था मधुबनी जिला के बिस्फी से दिनांक 27 सितम्बर से 12 अक्टूबर 2023 तक बिहार में भ्रमण कर युवा वर्ग को गोलबंद करेगा
- तमाम रिक्त पदों पर बहाली करो, रोजगार नहीं मिलने तक ₹10,000 बेरोजगारी भत्ता दो
आजादी के 75 वर्षों के बाद भी देश में युवाओं की हालत शासक वर्गों ने बदहाल कर रखा है, युवा विरोधी नीति के चलते यह बदहाली देखने को मिलता है। आज तक युवाओं के रोजगार के लिए जो भी वादा किये वह दिलाशा बन के रह गया। 2014 के आम चुनाव के वक्त वर्तमान केन्द्र सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौजवानों से वादा किये थे कि प्रत्येक वर्ष करोड़ नौजवानों को नौकरी देगें पर बिते नौ वर्ष में 18 करोड़ नौजवानों को नौकरी देने के बजाय रोजगार में लगे लोगों को भी रोजगार से वंचित कर दिया। केन्द्र की मोदी सरकार राष्ट्रीय संपत्ति को औने-पौने दामों में अडानी-अम्बानी जैसे पंसदीदा कॉरपोरेट पूँजीपति के हाथों बेचकर देश को खोखला कर रही है। सारे फैसला कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के हित में लिये जा रहे है। देश के संविधान को समाप्त कर मनुवादी कानून बनाना चाहती है। धर्म को राजनीति से जोड़कर देश में नफरत पैदा किया जा रहा है। सत्ता में बने रहने के लिए आपसी भाईचारा और निमय कानून को तोड़कर हर हथकंडे अपनाये जा रहे है। देश के छात्र-युवा, किसान-मजदूर, महिलाओं के सवालों को दरकिनार किया जा रहा है। देश अन्य तबकों के साथ-साथ युवाओं को आजादी के संघर्षो से सबक लेकर पुनः देश बचाने के लिए सड़क पर संघर्ष करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। भारत की जनवादी नौजवान सभा डीवाईएफआई जिला सचिव राम नरेश यादव ने कहा कि देश का सबसे बड़ा युवा संगठन होने के नाते हमेशा युवाओं के प्रति डीवाईएफआई हमेशा से संवेदनशील रहा है। ऐसी परिस्थिति में युवाओं को सही दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। उक्त तमाम सवालों सहित अन्य ज्वलंत सवालों को लेकर डीवाईएफआई ने पूरे देश में अखिल भारतीय जत्था का कार्यक्रम रखा है। जयनगर के लोकप्रिय नेता डीवाईएफआई के पूर्व जिला कमिटी सदस्य कुमार राणा प्रताप सिंह ने कहा कि एक बात तय है कि वर्तमान में देश के सत्ता और शासन में बैठे हुए साम्प्रदायिक तानाशाही सरकार को सत्ता से बेदखल किये बगैर युवाओं का भविष्य उज्जवल नहीं हो सकता है।
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