भारत के प्रधानमंत्री और वर्तमान सम्मेलन के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी-20 में हिस्सा ले रहे देशों के सुझावों, प्रस्तावों और विचारों पर चर्चा करने के लिए नवंबर से पहले एक वर्चुअल सेशन की पेशकश के साथ सम्मेलन के समापन का एलान कर दिया।उन्होंने ‘वन अर्थ,वन फैमिली,वन फ्यूचर’ के रोडमैप के सुखद होने की कामना के साथ सम्मेलन में हिस्सा ले रहे देशों को धन्यवाद दिया।इस दौरान प्रधानमंत्री ने संस्कृत का एक श्लोक भी कहा जिसका संबंध दुनिया में शांति और खुशी की कामना से है। अमेरिका के राष्ट्रपति समेत दुनिया-भर से जुटे कई नेताओं ने भारत की अध्यक्षता की सराहना की। सम्मेलन में कुल तीन सत्र हुए। दो सत्र (वन अर्थ और वन फैमिली) शनिवार को और एक सत्र (वन फ्यूचर) का आयोजन रविवार को हुआ।पिछली बार इंडोनेशिया में हुए जी 20 की तुलना में इस बार की कार्य-सूची के अनुसार दोगुने से भी अधिक कार्य हुए । भारत में सम्पन्न हुए जी 20 के शिखर-सम्मेलन के फलस्वरूप विश्व के सामने भारत की जो तस्वीर पेश हुयी है, उसके दूरगामी और सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, भारतीयों के लिए रोजगार के नए अवसर, देश में ही नहीं विदेशों में भी बढ़ेंगे। विदेशी कम्पनियाँ यहाँ अपने नए उद्योग स्थापित करेंगी, नई तकनीक विकसित होगी आदि। इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा। भारत में हुए इस सम्मेलन से विदेशों में बसे अथवा कार्यरत भारतीयों की प्रतिष्ठा में जो इजाफ़ा हुआ है, वह काबिले-तारीफ़ है।
डा० शिबन कृष्ण रैणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें