मधुबनी : भारत-नेपाल सीमा पर दलाल के माध्यम से बन रहे लाइसेंस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 सितंबर 2023

मधुबनी : भारत-नेपाल सीमा पर दलाल के माध्यम से बन रहे लाइसेंस

  • अवैध तरीके से बन रहे ड्राइविंग लाइसेंस देश के लिए खतरा
  • अधिवक्ता ने वरीय अधिकारी को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

Driving-licence-madhubani
मधुबनी, आपको ज्ञात हो कि पिछले महीने एक दैनिक अखबार के स्टिंग ऑपरेशन में बिहार से बाहर रहने वाले एक व्यक्ति का लर्निंग लाइसेंस बनाने को लेकर खुलासा किया था, जिसको लेकर अब जिले के कई लोगों ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड के उप प्रमुख और स्थानीय एक स्ट्रिंगर ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास एक परिवाद दायर किया है। वही मधुबनी व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता राकेश रंजन झा ने गृह मंत्रालय भारत सरकार, परिवहन मंत्री, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग, सचिव परिवहन विभाग, परिवहन आयुक्त दरभंगा, पुलिस महानिरीक्षण, जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मधुबनी सहित राज्य के कई अधिकारियों के पास आवेदन देकर कार्रवाई का मांग किया है। दिए गए आवेदन कहा गया है की 22 अगस्त को एक दैनिक अखबार में प्रसंगाधीन खबर प्रकाशित हुई तथा इससे संबंधित किए गए स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो और ऑडियो भी मधुबनी के कई सोशल मीडिया एवं व्हाट्सएप ग्रुप एवं अन्य सोशल न्यूज़ मीडिया के द्वारा प्रमुखता के साथ चलाए गए। इस मामले में एक व्यक्ति का लर्निंग लाइसेंस अवैध व नियम विरुद्ध तरीके से जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी के द्वारा बनाए जाने के बारे में बताया गया है, जो व्यक्ति टेस्ट के दिन बिहार में था भी नहीं। यहां यह भी उल्लेख करना आवश्यक प्रतीत होता है कि अगर बिहार राज्य के परिवहन मंत्री के गृह जिला में ऐसा कारनामा किया जा रहा है, तो अन्य जिलों में क्या स्थिति होगी यह चिंतनीय योग्य विषय है। मधुबनी जिला भारत का अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिला है, जिसके दूसरी ओर नेपाल देश अवस्थित है, मधुबनी से नेपाल देश में आवागमन में किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। लोग आराम से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर एक दूसरे देश में बिना किसी रोक-टोक के आते जाते हैं, ऐसी स्थिति में अगर भारत के दुश्मन या भारत विरोधी देश अपने किसी व्यक्ति या जासूस या आतंकवादी को सीमा पार करवाकर जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी से एक ड्राइविंग लाइसेंस बनवा देता है, तो उसे लाइसेंस का इस्तेमाल भारत के सभी वैद्यप्रमाण पत्र बनाने में किया जा सकता है, क्योंकि ड्राइविंग लाइसेंस सभी कार्यों में प्रयुक्त होने वाला एक वैद्य दस्तावेज व सबूत है। 


आज अगर ₹6500 देकर जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी से अवैध व फर्जी तरीके से बिचौलियों और दलालों के माध्यम से बिना सत्यापन के ड्राइविंग लाइसेंस बन रहा है, तो यह उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है कि बिना सत्यापन किए उन्होंने नेपाल देश के रास्ते से आने वाले किसी विदेशी नागरिकों व जासूसों को भी जाने अनजाने में ₹6500 रुपए में बिचौलियों और दलालों ने भारत का एक वैद्य प्रमाण पत्र बनाकर दे दिया हो, या दे रहे हो। पूरे मामले की सत्यता और जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी में रहने वाले बिचौलियों और दलालों की पहचान करते हुए उन पर और उनके सहयोगी जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी के पदाधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए यह परम आवश्यक है कि जिला परिवहन कार्यालय के परिसर में लगे हुए सीसीटीवी कैमरा द्वारा रिकॉर्ड की गई वीडियो जो हार्ड डिस्क में संधारित है, उसे किन्ही वरीय व परिवहन कार्यालय से अलग किन्हीं पदाधिकारी के संरक्षण में रखवाया जाए, जिससे जांच कमेटी सही रूप से जांच कर कार्रवाई कर सके। भारत के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिला मधुबनी में अवैध व नाजायज तरीकों से ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाना कभी भी देश हित और देश की सुरक्षा में घातक साबित हो सकता है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और देश हित को ध्यान में रखते हुए जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी में अवैध रूप से ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने की प्रक्रिया में शामिल सभी पदाधिकारी और कर्मचारियों का अभिलंब अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिला मधुबनी से कहीं अन्य जगह स्थानांतरण किया जाए। 


जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी के द्वारा फर्जी व अवैध तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने के मामले में एक जांच कमेटी बनाकर जांच करवाई जाए और मामले के सभी दोषियों के विरुद्ध उचित व नियमानुकूल कार्रवाई की जाए। जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी के परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा के हार्ड डिस्क को किन्हीं स्वतंत्र वरीय पदाधिकारी के संरक्षण में रखवा कर पिछले एक माह की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित व संरक्षित किया जाए तथा उक्त रिकॉर्डिंग की सहायता से बिचौलियों और दलालों की पहचान करते हुए उनके सहयोगी जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी के पदाधिकारी और कर्मचारियों की पहचान की जाए। बिना सत्यापन के भारत गणराज्य का एक वैद्य दस्तावेज जारी कर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले पदाधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला परिवहन कार्यालय मधुबनी के परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा के हार्ड डिस्क में पिछले एक माह की रिकॉर्डिंग को डिलीट किया जाता है या छेड़छाड़ की जाती है या किसी खास दिन का वीडियो डिलीट किया जाता है, तो इसके दोषियों के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कराई जाए। सीसीटीवी तथा कार्यालय के दस्तावेजों से इस तथ्य की जांच की जाए की कार्यालय द्वारा भारत के नागरिकों के अलावा दूसरे देशों के लोगों का भी कोई ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया है या नहीं। इस पुरे मामले को लेकर एक स्थानीय अधिवक्ता ने अन्य दूसरे सबूतों के साथ उच्च अधिकारीयों को सूचना भेजा है, अब कारवाई का इंतजार है।

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