प्रगति ग्रामीण विकास समिति के संस्थापक प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि शिक्षा जागरूकता समागम सप्ताह के सिलसिले में आज प्रगति भवन पश्चिम बेली रोड पटना में शिक्षा जागरूकता समागम का आयोजन किया गया.इस समागम में आसपास के गांव से 200 से ज्यादा किशोरियों एवं बच्चों ने भागीदारी निभाई. उन्होंने इस अवसर पर महादलित मुसहर परिवार की दो बच्चियों का जिक्र किया जिन्होंने अपनी मेहनत और चुनौतियों को स्वीकार करते हुए संघर्ष कर मैट्रिक पास किया.वह ममता कुमारी है.जो ग्राम कोथवां में रहती हैं.वह कड़ी मेहनत की हैं.मजदूरी एवं दाई का काम करते हुए मैट्रिक की परीक्षा दी और उसमें सफलता हासिल की है.उसे किसी तरह का सहयोग परिवार से नहीं मिला. इसी तरह प्रमिला कुमारी है. उसके पिताजी का निधन बहुत पहले ही हो गया था.अपनी माता की प्रेरणा से वह कड़ी मेहनत कर मैट्रिक की परीक्षा में सफलता पाने में कामयाब हो सकी. उनकी मां मजदूरी करती हैं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार ज्योति कुमारी 12वीं कक्षा की छात्रा बन चुकी है.इन तीनों किशोरियों को प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा सम्मानित किया गया. उक्त समिति की ओर से सिंधु सिन्हा ने ममता कुमारी को, मंजुला डुंगडुंग ने प्रमिला कुमारी को एवं पुष्पा प्रदीप जी ने ज्योति कुमारी को गमछा देकर सम्मानित किया.वहीं प्रगति ग्रामीण विकास समिति के संस्थापक प्रदीप प्रियदर्शी ने इन तीनों किशोरियों को पुस्तिका भेंट कर सम्मानित किया. साक्षरता समागम में बच्चों ने साक्षरता गीत गाएं. बता दें कि 2011 – साक्षरता और स्वास्थ्य, 2012 – साक्षरता और सशक्तिकरण, 2013 – साक्षरता और शांति, 2014 – 21वीं शताब्दी के लिए साक्षरता, 2015 – साक्षरता और सतत समाज, 2016 – अतीत पढ़ना, भविष्य लिखना, 2017 – डिजिटल दुनिया में साक्षरता, 2018 – साक्षरता और कौशल विकास, 2019 – साक्षरता और बहुभाषावाद, 2020 – COVID-19 संकट और उससे परे साक्षरता शिक्षण और शिक्षा, 2021 – मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना,2022-इस साल साक्षरता दिवस की थीम "ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस (Transforming Literacy Learning Spaces)" थीम थी.इस साल 2023 की थीम “साक्षरता सीखने के स्थानों को बदलना” है.
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