- पटवारियों की हड़ताल से सर्वे कार्य ठप, किसान लगा रहे प्रशासन के चक्कर
पटवारियों की हड़ताल से आमजन को हो रहा नुकसान, सभी जरूरी काम रुके पटवारियों के हड़ताल पर जाने से किसानों के जमीन से जुड़े काम लंबित हैं। आम आदमी भी परेशान हैं क्योंकि जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, स्थाई प्रमाण-पत्र आदि नहीं बन पा रहे हैं, इसके अलावा हजारों गरीबों के नाम राशन कार्ड सूची में नहीं जुड़ पा रहे हैं। इन सभी कामों के लिए पटवारियों की जरूरत होती है। यहां तक कि सबसे बड़ा संकट तो किसानों पर है। अगस्त महीने में इनकी फसल सूखे से प्रभावित हुई थी। बची हुई फसल सितंबर महीने में हुई तेज बारिश ने तबाह कर दी। ऐसे समय में फसलों को हुए नुकसान को दस्तावेजों में रिकार्ड करने का काम इन्हीं पटवारियों का है जो अब पिछड़ रहा है। कुछ ही दिनों में कटाई शुरू हो जाएगी। इस तरह नुकसान का सटीक आकलन नहीं होगा। वहीं जिला पटवारी संघ के अध्यक्ष संजय राठौर ने बताया कि मांगों को मनवाने चल रहा आंदोलन पटवारी संघ की मांगे हैं। जिनमें आवास, यात्रा, अतिरिक्त हल्का भत्ता बढ़ाया जाए। साथ ही विगत 25 वर्षों से पटवारी संवर्ग निरंतर अपनी मांगों के लिए आंदोलनरत है। वर्ष 2008 के पूर्व की जो स्थिति थी वहीं आज भी है। अतिरिक्त हलका भत्ता जो 500 में प्रति माह है उसे मूल वेतन का 25 प्रतिशत किया जाए। साथ ही बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में पटवारियों का वेतन प्रदेश में काफी कम है। जब तक यह पांच प्रमुख मांगें पूर्ण नहीं होगी तब तक पटवारी हड़ताल पर रहेंगे।
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