मधुबनी : महिला सशक्तिकरण के हिमायती नीतीश ने भी ऐतिहासिक कदम उठाए हैं : हीरा मांझी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 21 सितंबर 2023

मधुबनी : महिला सशक्तिकरण के हिमायती नीतीश ने भी ऐतिहासिक कदम उठाए हैं : हीरा मांझी

Nitish-take-steps-for-women-empowerment
मधुबनी, केंद्र सरकार ने मंगलवार को नए संसद भवन में कदम रखा। इस दौरान नए भवन में लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सरकार ने पहला बिल पेश किया। सरकार ने महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को सदन के सामने रखा, जिसे लेकर देश भर में चर्चा हो रही है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री समेत पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। इसी क्रम में मधुबनी जिला के युवा जदयू जिलाध्यक्ष हीरा मांझी ने प्रतिक्रिया देते हुए महिला आरक्षण बिल सदन में पेश किए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि संसद में नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित होने से महिलाओं को उनका अधिकार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सर्वमान्य नेता सह बिहार सीएम नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण बिल का स्वागत किया है। उन्‍होंने कहा, ''हम शुरू से ही महिला सशक्तिकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हम लोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। हमारा मानना है कि संसद में महिला आरक्षण के दायरे में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रविधान किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि "प्रस्तावित बिल में यह कहा गया कि पहले जनगणना होगी और उसके बाद निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होगा, तब यह विधेयक लागू होगा। इसलिए जरूरी है कि जनगणना का काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। जनगणना तो वर्ष 2021 में ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक यह हो न सकी। जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी करानी चाहिए, तभी इसका सही फायदा महिलाओं को मिलेगा। इस दौरान अपनी बात कहते हुए श्री मांझी ने अपने सुशाशन बाबू नीतीश सरकार की उपलब्धि गिनाई। उन्होने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जब 2005 में सरकार बनी तो 2006 में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी, तो 2016 में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इनकी तरह 4-5 साल इंतजार नहीं किए। पटना, मुंबई बेंगलुरु में बैठक हुई, तो आपकी घबराहट शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कहा कि इस मोदी सरकार को महिला सशक्तिकरण से मतलब नहीं है। इस सरकार को कुर्सी से मतलब है। कुर्सी को बचाने के लिए ये कोई भी जुमलेबाजी कर सकते हैं। आप सदन में एलान करिए कि देश में जातीय आधारित गणना कराएंगे। ये आप नहीं कर सकते हैं। मोहन भागवत ने क्या कहा था कि आरक्षण पर तुरंत विचार होना चाहिए। आरक्षण आपकी कृपा से नहीं है। संविधान के प्रावधान के अनुसार है। आज आपने महिला आरक्षण बिल लाया, तो इसमें भी अति पिछड़ों को पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं: