सीहोर : बोले शशांक सक्सेना किसान देश की रीढ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 16 सितंबर 2023

सीहोर : बोले शशांक सक्सेना किसान देश की रीढ

  • बर्बाद फसलों के लिए मुआवजा, बीमा राशि की उठाई मांग

Shashank-saxena-sehore
सीहोर। खेतों में फसलें खडी भर हैं लेकिन सोयाबीन में बीज नहीं है। कम बारिश के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है और किसान चिंतित है वह आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। लेकिन भाजपा सरकार यात्राओं में व्यस्त है। किसान की समस्या से इस सरकार को कोई फर्क नहीं पडता, सत्ता हासिल करना ही इनका लक्ष्य है। किसान बर्बाद हो तो इन्हें क्या। यह बात जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता शशांक सक्सेना ने कही। गुरूवार को वह सीहोर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बमुलिपुरा, बमुलिया दोराहा, पंपापुर, पडियाला, गोपालपुरा, सुल्तानपुरा, बिलोदिया, मरेठी और भेरूपुरा के किसानों से मिले। जहां उन्होंने खेतों का निरीक्षण किया, इस दौरान किसानों ने उन्हें खेती संबंधी समस्याओं से अवगत कराया। श्री सक्सेना ने कहा कि बारिश न होने और इल्लियों के प्रकोप के कारण सोयाबीन फसल बर्बाद हो चुकी है, सरकार के सामने मांग रखते हुए कहा कि किसानों को मुआवजा राशि मिलनी ही चाहिए। उन्हें फसल बीमा योजना का भी लाभ नहीं मिला। कहा कि किसान देश की रीढ है फिर भी वह परेशान है। भाजपा सरकार में खेती करना किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है, क्योकि लागत निकलना भी मुश्किल है। बिजली, बीज, कीटनाशक सब मंहगा और अब मौसम की मार किसान कहां तक संघर्ष करेगा। बेहिसाब मंहगाई और सरकार की और से कोई मदद नहीं। क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीण खेती पर निर्भर है और खेती के भरोसे ही किसानों के परिवारों का भरण पोषण हो पाता है। ग्रामीणों की आजीविका का एक मात्र साधन खेती ही है वह जब फसल बर्बाद हो गई है तो सरकार को किसानों की आर्थिक मदद करना चाहिए। कांग्रेस ने बर्बाद फसलों के लिए 40 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा की मांग की है लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के दर्द को समझने को तैयार नहीं। भाजपा का किसान प्रेम झूठा है। गरीब, मजदूर, किसान, छात्र सब इस सरकार में परेशान है। हकीकत बात तो यह है कि किसान आर्थिक रूप से कमजोर होकर कर्ज के जाल में फंस रहा है। श्री सक्सेना ने कहा कि उनका परिवार सदैव किसानों के पक्ष में खडा रहा है और हमेशा किसानों के हक अधिकारों की लडाई लडता रहेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: