सीहोर : लंदन में हिंदी का प्रचार-प्रसार कर रही शिखा वाष्र्णेय का किया सम्मान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 16 सितंबर 2023

सीहोर : लंदन में हिंदी का प्रचार-प्रसार कर रही शिखा वाष्र्णेय का किया सम्मान

Shikha-warshney-honored
सीहोर, लंदन में रहकर हिंदी का प्रचार-प्रसार कर रही शिखा वाष्र्णेय काे शुक्रवार को शिवना प्रकाशन ने सम्मानित किया। कार्यक्रम शहर के बस स्टैंड पर स्थित पीसी लैब में आयोजित किया गया। जिसमें सम्मान समारोह व उनके यात्रा संस्मरण पांव के पंख पर चर्चा का आयोजन किया गया है। शिखा को गुरुवार को मध्यप्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान से सम्मानित किया गया। शिखा लंबे समय से विदेश में रह कर हिन्दी के लिए पत्रकारिता और साहित्य के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर रही हैं। उन्होंने लगातार दो साल तक दैनिक जागरण के लिए लंदन नामा और लंदन डायरी के नाम से कालम लिखा। इसके साथ ही वे लगातार साहित्य के क्षेत्र में सक्रीय हैं। कार्यक्रम के बारे में शिवना प्रकाशन के प्रबंधक शहरयार खान ने बताया कि शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में शिखा वाष्र्णेय को सम्मानित किया गया। इस दौरान शिखा ने आयोजन में शामिल लड़कियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें सपने देखना है और फिर उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास करना है। इसके लिए आपको अपने पांव में पंख उगाना होंगे। इसके साथ ही उन्होंने लड़कियों को अपनी किताब और जीवन में आगे बढ़ने और किसी से न डरने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में ख्यात साहित्यकार पंकज सुबीर ने यात्रा संस्मरण पांव के पंख के बारे में बताया और कहा कि एक स्त्री जब यात्रा संस्मरण लिखती हैं तो वो स्त्रीयों की, कहानी गलियों की और संस्कृति की कहानी लिखती हैं जबकि पुरुष भवनों और भव्यता को ही देखते हैं। कार्यक्रम के अंत में आभार समाजसेवी अनिल पालीवाल ने व्यक्त किया। साथ ही आयोजन में मुख्य रूप से कैलाश अग्रवाल, हितेंद्र गोस्वामी, जोरावर सिंह, सन्नी गोस्वामी, सुनील पेगवाल और बड़ी संख्या में लड़कियां मौजूद रहीं।

कोई टिप्पणी नहीं: