- पीएम मोदी से नीतीश कुमार की भेंट में कोई चुनावी राजनीति नहीं
- भाजपा को उनकी जरूरत नहीं, वे किसी भी गठबंधन के लिए बोझ
- वे राजद-कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए शिष्टाचार भेंट में खोज रहे निहितार्थ
- सबसे बड़ा मजाक - "राष्ट्रपति बाइडेन नीतीश को खोज रहे थे"
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के अवसर पर आयोजित राष्ट्रपति के रात्रिभोज में नीतीश कुमार के शामिल होने और पीएम मोदी से उनकी भेंट का चुनावी राजनीति से कोई वास्ता नहीं है। अब भाजपा को उनकी कोई जरूरत नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि 2022में हुए बिहार के तीन उपचुनावों ने साबित कर दिया कि नीतीश कुमार अपना जनाधार और वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता खो चुके हैं। वे किसी गठबंधन के लिए बोझ हैं। उन्होंने कहा कि रात्रिभोज में तो मुख्यमंत्री के नाते ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और सुक्खू भी पहुँचे थे। उन्होंने कहा कि रात्रिभोज में नीतीश कुमार के शामिल होने का बिहार में मनमाना राजनीतिक अर्थ निकाला जा रहा है, ताकि कांग्रेस और राजद पर दबाव बनाया जा सके। समय से पहले संसदीय चुनाव का शिगूफा भी इस हथकंड़े का हिस्सा है। श्री मोदी ने कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद कर पलटीमार राजनीति की गुंजाइश खत्म कर दी है। उन्होंने कहा कि जदयू के लोगों का यह प्रचार मजाक बन गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन बिहार के "क्लाइमेट लीडर" नीतीश कुमार को खोज रहे थे, इसलिए उन्हें उनसे मिलवाया गया। श्री मोदी ने कहा कि यह तो संघात्मक लोकतंत्र के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आस्था और सदाशयता थी कि सभी मुख्यमंत्रियों को रात्रिभोज में बुलाया गया और उनमें से कुछ को राष्ट्रपति बाइडन से मिलवाया गया। आश्चर्य कि लोग इसमें भी राजनीति खोज रहे हैं।
जीतन राम मांझी का दावा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार G20 में शामिल क्या हुए, बिहार की सियासत तेज हो गई है। कभी नीतीश कुमार के सबसे खास रहे जीतन राम मांझी ने दावा किया है कि बहुत जल्द बिहार की सियासत में भूचाल आने वाला है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार G20 में शामिल होने के लिए क्यों गए थे, ये तो लोगों को समझ में तो आ ही गया होगा। थोड़ा इंतजार कीजिए। बहुत जल्द ही बिहार की सियासत में भूचाल आएगा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पटना में जब विपक्षी दलों की बैठक हुई थी, तब लालू यादव ने राहुल गांधी को कहा था कि शादी कीजिए, हमलोग बाराती बनेंगे। उसी दिन सब लोग समझ गए थे कि लालू यादव क्या कहना चाहते हैं। अब तो नीतीश कुमार को भी समझ लेना चाहिए।
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