दुर्गा सप्तशती के मत्रों से गूंज रही काशी, डांडिया की धुन में रमने लगी है महिलाएं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 19 अक्टूबर 2023

दुर्गा सप्तशती के मत्रों से गूंज रही काशी, डांडिया की धुन में रमने लगी है महिलाएं

  • हर्ष और उल्लास से सज रहा मां का दरबार, पंचमी को पट खोलने की तैयारी में जुटी समितियां
  • शहर में दुर्गोत्सव की धूम, लाइटिंग में दिखेगा पंचतंत्र और मां की कथाओं का संदेश
  • अर्दली बाजार के पूजा पंडाल में दिखेगा आदियोगी शिव की झलक

Durga-puja-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी) शहर से लेकर तक में दुर्गोत्सव का उल्लास बिखरने लगा है। ढाक के बीच हर तरफ दुर्गा सप्तशती के मत्र गूंज रहे है। डांडिया की धुन में यंगस्टर्स, महिलाएं, बच्चें और कपल्स रमने लगे हैं। नवरात्र के दूसरे दिन भक्तों ने मां ब्रह्मचारिणी की आराधना व पूजा अर्चना के साथ ही सुख समृद्धि की कामना की। देवी मंदिरों में देर रात तक पूजा-पाठ के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालु मातारानी के दर्शन पूजन के लिए उमड़ रहे हैं. दुर्गाघाट पर बना माता ब्रह्मचारिणी मंदिर भक्तों से गुलजार है. यहां सुबह से ही माँ के दरबार में मत्था टेकने और भगवती के दूसरे स्वरुप की पूजा-अर्चना के लिए भक्त पहुंचते रहे। मंगलवार को मां के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा होगी।


उधर, पंडालों में मां के दरबार को सजाया जा रहा है। अधिकांश पूजा समितियां पंचमी को पट खोलने की तैयारी में है। इसके लिए पंडाल के निर्माण में कलाकार दिन रात जुटे हुए है। अधिकतर कारीगर पंडाल को अंतिम रूप दे चुके हैं, तो कुछ सजा-संवारकर भव्य रूप दे रहे है। इस साल लगभग सभी पंडालों में इंटीरियर और एक्सटीरियर में इकोफ्रेंडली सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। फ्लाई, फाइबर सीट, बांस और फॉम से काल्पनिक स्वरूप को जीवंत बनाया जा रहा है। पंडालों का 80 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है। कारीगर खूबसूरती पर काम कर रहे हैं। इनमें कहीं आदियोगी शिव का स्वरूप तो कहीं राममंदिर, तो कहीं काशी विश्वनाथ धाम तो कहीं केदारनाथ मॉडल पर पंडाल बनाया जा रहा है। इसके अलावा इस बार इको फ्रेंडली मूर्ति तैयार हैं। इसमें पंचमेवा से बनी मूर्ति, किरकिरी से बनी मूर्ति, सफेद तिल से बनी मूर्ति, सुतली से बनी मूर्ति, पुआल से बनी मूर्ति आकर्षण का केंद्र होंगे। इसमें कमल गट्टा और रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया गया है। माता की मूर्ति षष्ठी तिथि को पूजा पंडालो में पहुंचेंगी। माता की सप्तमी तिथि को प्राण प्रतिष्ठा होगी।


हथुआ मार्केट, अर्दली बाजार, शिवपुर, मच्छोदरी में पंडाल करीब-करीब बनकर तैयार है। अर्दली बाजार में न्यू डी-लाइट क्लब दुर्गा समिति के पूजा पंडाल को इस वर्ष कोयंबटूर के प्रसिद्ध आदियोगी शिव का स्वरूप दिया जा रहा है। दर्शनार्थियों को निकास मार्ग पर 12 फीट के हनुमान जी का दर्शन होगा। सनातन धर्म इंटर कॉलेज का पंडाल और प्रतिमा काशी ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। यहां केदारनाथ कॉरिडोर को साकार किया जा रहा और 24 फीट की ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। दावा है कि यह प्रतिमा प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। पंडाल में मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी वाली मुद्रा में स्वचालित प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र होगा। इसके अलावा कहीं आदित्य एल-1 की झांकी होगी तो कहीं चंद्रयान। कई पंडालों में राम मंदिर के भी दर्शन होंगे।


ग्रामीण अंचलों में भी सुबह से ही मंदिरों में भक्तों ने हाथों में पूजा की थाली लिए श्रद्धालुओं ने मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की मन्नतें मांगीं। शारदीय नवरात्र के चलते क्षेत्र में माहौल भक्तिमय बना हुआ है। प्रातःकाल से ही मंदिरों में गूंजते मां शेरावाली के भजन से माहौल में भक्तिमय हो गया हैं। भक्तों ने लहंगा, चुनरी, नारियल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि समर्पित कर विधि विधान से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की। बुजुर्गों से लेकर महिलाओं, पुरुषों, युवक, युवतियों और बच्चों तक सभी ने मां के दर्शन कर सुख-समृद्धि की मन्नतें मांगी। शाम होते ही कई मंदिरों में महिलाओं के द्वारा भजन र्कीतन भी किया गया। सुबह जहां शहर के कई दुर्गा मंदिरों में सफेद वस्त्र धारण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की गई।

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