पटना : क़ृषि अनुसंधान परिषद में हिन्दी पखवाड़ा - 2023 का हुआ समापन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 1 अक्टूबर 2023

पटना : क़ृषि अनुसंधान परिषद में हिन्दी पखवाड़ा - 2023 का हुआ समापन

  • सरल हिंदी के प्रयोग पर विशेष बल दें  : डॉ. अनुप दास

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पटना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 29.09.2023 को हिन्दी पखवाड़ा - 2023 का समापन कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। । डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक के स्वागत भाषण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें उन्होंने हिंदी पखवाड़ा के दौरान संस्थान में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी । इस समापन समारोह की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने की । इस अवसर पर मुख्य तिथि के रूप में भा.कृ.अनु.प. – राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. बिकाश दास मौजूद थे | अपने उद्बोधन में डॉ. अनुप दास ने कहा कि हिंदी दिवस/ पखवाड़ा/ मास के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह एहसास दिलाना है कि जब तक वे हिंदी का उपयोग पूरी तरह से नहीं करेंगे तब तक हिंदी भाषा का विकास नहीं हो सकता | हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं है, बल्कि हम भारतीयों की पहचान भी है | यह हमारे ह्रदय से जुड़ी है |  हिंदी के आधार पर विभाजित क्षेत्र के अनुसार हमारा संस्थान "क" क्षेत्र में आता है | अतः,  हमारी नैतिक एवं संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने संपूर्ण कार्यालय संबंधी कार्य हिंदी में ही करें | उन्होंने कहा, “ मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि हम नई अनुसंधान प्रौद्योगिकियों और तकनीकों का हिंदी माध्यम से प्रचार-प्रसार करके हिंदी को विश्व भाषा का गौरव प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे एवं इस संबंध में वैज्ञानिक, तकनीकी एवं प्रशासनिक संवर्ग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सहयोग अपेक्षित है” |

            

डॉ. बिकास दास, निदेशक, भा.कृ.अनु.प. – राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र ने बताया कि हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसमें सभी भाषाओं को समाहित करने की क्षमता है | राजभाषा हिंदी में काम करना सरल और सुबोध है | हिंदी में कार्यालयीन कार्य किए जाएं, तो निश्चित रूप से राष्ट्र हित में सराहनीय कदम होगा। संस्थान राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि कृषि जगत की जानकारियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए हिंदी सरल और समृद्ध माध्यम है | हिंदी भाषा के विकास एवं प्रचार हेतु सदैव तत्पर रहें | डॉ. उपाध्याय ने इस अवसर पर अपनी स्वरचित कविता भी सुनाई | कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रभागाध्यक्षों/ अनुभागाध्यक्षों ने भी राजभाषा हिंदी पर अपने-अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. रजनी कुमारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं श्रीमती उषा किरण, तकनीशियन ने “देश रंगीला” गीत से सभागार में उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया | कार्यक्रम में डॉ. बिकास दास, निदेशक, भा.कृ.अनु.प. – राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र; डॉ. रोहन कुमार रमण, वरिष्ठ वैज्ञानिक; डॉ. अभिषेक कुमार, वैज्ञानिक  एवं डॉ. मनीषा टम्टा, वैज्ञानिक के हिंदी गीत भी आकर्षण के केंद्र रहे।इसके उपरांत पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताएं, जैसे, निबंध प्रतियोगिता, यूनिकोड टंकण प्रतियोगिता, व्याकरण प्रतियोगिता, प्रश्नमंच प्रतियोगिता, आशुभाषण प्रतियोगिता, स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता एवं अंताक्षरी प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को प्रमाण पत्रों एवं नकद पुरस्कारों से नवाजा गया एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं के निर्णायकों को भी सम्मानित किया गया | राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ | डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक ने मंच का संचालन किया एवं श्रीमती प्रभा कुमारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। हिंदी पखवाड़ा -2023 को सफल बनाने में डॉ. शंकर दयाल, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. पंकज कुमार, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. रजनी कुमारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक; डॉ. तारकेश्वर कुमार, वैज्ञानिक; डॉ. कुमारी शुभा, वैज्ञानिक; डॉ. मनीषा टम्टा, वैज्ञानिक एवं उमेश कुमार मिश्र, हिंदी अनुवादक की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही।

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