बिहार : पटना में डॉल्फिन संरक्षण दिवस 2023 मनाया गया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

  
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023

demo-image

बिहार : पटना में डॉल्फिन संरक्षण दिवस 2023 मनाया गया

IMG-20231003-WA0044
पटना, 3 अक्टूबर, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, गंगा समभूमि प्रादेशिक केंद्र, भारत सरकार,पटना में मंगलवार को गंगा नदी डॉल्फिन के संरक्षण एवं लोकप्रियकरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में विभिन्न कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं गैर-सरकारी संगठनों के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों को सबसे पहले इस कार्यालय के समृद्ध संग्रहालय में विभिन प्रकार के जंतुओं के बारे में समझाया गया तथा उनकी विशेषता से भी अवगत कराया गया I इसके बाद सभी प्रतिभागियों को पूर्वी भारत का उत्कृष्ट कीड़ों का संग्रहालय (भारतीय प्राणी सर्वेक्षण पटना का इन्सेक्टोरिया गैलरी ) का भ्रमण कराया गया जहाँ 1000 से ज्यादा विभिन्न प्रजातियों के कीट पतंगे लाखों की संख्या में संरक्षित हैंI सभी प्रतिभागियों  ने इस तरह के संग्रह को नजदीक से  देखा तथा उन्हें काफी कुछ सीखने का मौक़ा मिला। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, गंगा समभूमि प्रादेशिक केंद्र, पटना के सभागार में गंगा नदी डॉल्फिन के संरक्षण एवं लोकप्रियकरण पर एक व्याख्यान भी दिया गया। डॉ. शर्मा ने दुनिया में पाई जाने वाली मीठे पानी की डॉल्फ़िन के बारे में विस्तृत रूप से बात की। उन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, गंगा समभूमि प्रादेशिक केंद्र, पटना एवं पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा बिहार सरकार के वन विभाग के द्वारा उठाए गए संरक्षण के उपायों की ओर भी इशारा किया। बाद में पूरी टीम ने त्रिवेणी घाट, फतुहा, पटना (जो कि पटना से 30 किमी दुरी पर है )से  बस से प्रस्थान किया तथा वहा पर उपस्थित डॉलफिन को बहुत नजदीक से देखा तथा अपने अपने मोबाईल से फोटोग्राफ खींचाI विदित हो कि इस स्थान पर जो गनगा एवं पुनपुन का संगम है पर सालो भर पांच से दस की संख्या में डॉल्फ़िन पाई जाती हैं। स्थानीय मछुआरों को गंगा नदी डॉल्फिन के महत्व के बारे में भी जागरूक किया गया। उन्हें यह भी बताया गया कि त्रिवेणी घाट फतुहा, पटना में गंगा और पुनपुन संगम की मध्य धारा में मोनोफिलामेंट गिल नेट (करेंती जाल) का उपयोग न करें। इस आयोजन में स्थानीय मछुआरों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया।अंत में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, गंगा समभूमि प्रादेशिक केंद्र, पटना द्वारा संवाद सत्र का भी आयोजन किया गया। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र भी दिया गयाI पटना विमेंस कालेज की छात्राओं ने इको टास्क फ़ोर्स के बैनर तले इस कार्यक्रम में भाग लियाIआयोजन में सभी वैज्ञानिकी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *