वाराणसी : टेक्सटाइल संयुक्त सचिव ने किया इंडिया कारपेट एक्स्पों का अवलोकन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 8 अक्टूबर 2023

वाराणसी : टेक्सटाइल संयुक्त सचिव ने किया इंडिया कारपेट एक्स्पों का अवलोकन

  • सीईपीसी के कार्यवाहक चेयरमैन महावीर प्रताप शर्मा के साथ कई स्टालों पर कालीनों ं की खूबियों को बारीकी से परखा
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में नयी वेराइटी व तकनीक के माध्यम से ही उद्योग को संभाला जा सकता है : अजय गुप्ता

Carpet-expo-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी)  वस्त्र मंत्रालय (भारत सरकार) के संयुक्त सचिव अजय गुप्ता ने रविवार को इंडिया कारपेट एक्स्पों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने सीईपीसी के कार्यवाहक चेयरमैन महावीर प्रताप शर्मा व सीईओ रोहित गुप्ता के साथ विभिन्न स्टॉल्स पर जाकर हस्तनिर्मित वस्तुएं भी देखीं तथा प्रदर्शिनी में सम्मिलित निर्यातकों संग बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन भी किया। बता दें कि इस प्रदर्शिनी में भारत के विभिन्न राज्यों से आए हुए निर्यातकों ने कुशल बुनकरों की अनूठी और उत्कृष्ट कृतियों को अपने अपने स्टलों में शामिल किया है। अजय गुप्ता ने कहा कि हस्तशिल्प देश की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास का साक्षी है। शिल्पकार संस्कृति के संवाहक है, देश के गौरव हैं जिसके उत्थान के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें निरंतर संकल्पबद्ध हैं। इसके परिणामस्वरुप ही हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुआ है। उन्होंने पारंपरिक शिल्प कौशल को संरक्षित करने और इसे वैश्विक मंच पर प्रोत्साहित करने लिए कारीगरों की सराहना की।


उन्होंने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में ऐसी प्रदर्शनियों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में तकनीक के माध्यम से ही उद्योग को संभाला जा सकता है। बता दें, खूबसूरत रंग-बिरंगी मखमली कालीनों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध भदोही में दुसरी बार इंडिया कारपेट एक्सपो का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से कालीन कारोबार को और बड़ा लाभ मिलेगा। सरकार उद्योग को लाभ देने के लिए लगातार प्रयास रही है। वैश्विक मानचित्र पर भदोही की पहचान खूबसूरत रंग बिरंगी कालीनों के लिए है। यहां के कुशल बुनकरों की अनूठी कारीगरी की वजह से एक्सपोर्ट में लगातार वृद्धि हो रही है। नेचुरल फैब्रिक, इंडियन इंस्पिरेशन, ट्रेडिशनल एम्ब्रॉयडेरी, नेचुरल डाय और यार्न से बनी कालीनें खूब पसंद की जा रही है। हमारे देश में कलर को सेलिब्रेशन के साथ जोड़ा जाता है। इसीलिए डार्क और ब्राइट कलर्स कालीन का असर सबसे ज्यादा होता है। अलग दिखने के लिए डार्क रेड, ब्लड ऑरेन्ज, फूशिया, इंडिगो, ग्रीन बिलकुल अलग दिखाई देते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: