- एक सप्ताह का राष्ट्रव्यापी विरोध अभियान के तहत साहरघाट में माले कार्यकत्ताओं ने निकाला प्रतिवाद मार्च एवं किया प्रतिवाद सभा
यह छापा ‘द न्यूयाॅर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के आधार पर मारा गया, जिसमें पुलिस ने न्यूजक्लिक पर चीन से पैसा लेने का आरोप लगाया है. पत्रकारों पर कई प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते हुए यूएपीए तक की धारा लगा दी गई है. मोदी शासन में भारत में प्रेस की आजादी का ग्राफ लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है. 180 देशों की सूची में भारत आज 161 वें स्थान पर है. इतनी शर्मनाक हालत आजाद भारत ने कभी नहीं देखी थी. मोदी सरकार अब सोशल मीडिया की आजादी को भी नियंत्रित करने के प्रयास में है. मेनस्ट्रीम यानि ‘गोदी मीडिया’ तो पूरी तरह से उसके चंगुल में है ही, जिसपर वह करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाती है. बावजूद, सरकार अंदर से बेहद भयभीत रहती है. इसलिए अब वह सोशल मीडिया को निशाना बना रही है, जहां मोदी सरकार और भाजपा के झूठ की पोल खोलने की संभावना अब भी मौजूद है. सोशल मीडिया पर सक्रिय जनपक्षधर मीडिया ग्रुपों व पत्रकारों पर इसी कारण कई बहाने बनाकर हमला किया गया है. इस तरह के निर्लज्ज हमले के खिलाफ पूरे देश में प्रेस की आजादी की पुनर्बहाली की मांग पर बड़े-बड़े प्रतिवाद आयोजित हो रहे हैं. इसी कड़ी मे आज साहरघाट मे कार्यक्रम हो रहे हैं, इसके बाद आज ही सोनाई मे कामरेड राम अशिष राम के नेतृव मे इसी तरह के कार्यक्रम होगें. प्रतिवाद सभा को राम अशिष राम, लखींद्र सदाय,राम प्रसाद सहनी,जुड़ी चौपाल,जीबछ मंडल वगैरह ने भी संबोधित किया.
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