मधुबनी : न्यूजक्लिक व जनपक्षधर पत्रकारों पर छापे और गिरफ्तारी के खिलाफ माले का प्रतिवाद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023

मधुबनी : न्यूजक्लिक व जनपक्षधर पत्रकारों पर छापे और गिरफ्तारी के खिलाफ माले का प्रतिवाद

  • एक सप्ताह का राष्ट्रव्यापी विरोध अभियान के तहत साहरघाट में माले कार्यकत्ताओं ने निकाला प्रतिवाद मार्च एवं किया प्रतिवाद सभा

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मधवापुर /मधुबनी, 12 अक्टूबर, मधवापुर प्रखंड के साहरघाट में धौंस नदी के  पुल पर से मधवापुर प्रखंड माले सचिव कामेश्वर राम के नेतृत्व में प्रेस /मिडिया पर सत्ता प्रायोजित हमले,न्यूज़ क्लिक और जन पक्षधर पत्रकारों पर छापे व गिरफ्तारी  के खिलाफ में भाकपा-माले के सैकड़ों  कार्यकत्ताओं ने प्रतिवाद मार्च निकाला. प्रेस की आजादी पर हमला नहीं सहेंगे. प्रेस की आजादी पुर्नवहाल करो. जैसे नारा लगाते हुए. नेताजी चौक पर प्रतिवाद सभा में बदल गया. कामेश्वर राम की अध्यक्षा में संचालित सभा को संबोधित  करते हुए, भाकपा-माले के जिला स्थायी समिति सदस्य सह बेनीपट्टी प्रखंड माले सचिव श्याम पंडित ने कहा कि विगत 3 अक्टूबर को मीडिया संस्थान न्यूजक्लिक के दफ्तर सहित उससे जुड़े कई प्रतिष्ठित पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने अचानक छापा मारा तथा संस्थान के संस्थापक प्रवीर पुरकायस्था, प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती; पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह, अभिसार शर्मा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया. बाकि लोगों को तो पूछताछ के बाद देर शाम  छोड़ दिया गया लेकिन प्रवीर पुरकायस्था और अमित चक्रवर्ती को जेल भेज दिया गया.


यह छापा ‘द न्यूयाॅर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के आधार पर मारा गया, जिसमें पुलिस ने न्यूजक्लिक पर चीन से पैसा लेने का आरोप लगाया है. पत्रकारों पर कई प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते हुए यूएपीए तक की धारा लगा दी गई है. मोदी शासन में भारत में प्रेस की आजादी का ग्राफ लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है. 180 देशों की सूची में भारत आज 161 वें स्थान पर है. इतनी शर्मनाक हालत आजाद भारत ने कभी नहीं देखी थी. मोदी सरकार अब सोशल मीडिया की आजादी को भी नियंत्रित करने के प्रयास में है. मेनस्ट्रीम यानि ‘गोदी मीडिया’ तो पूरी तरह से उसके चंगुल में है ही, जिसपर वह  करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाती है. बावजूद, सरकार अंदर से बेहद भयभीत रहती है. इसलिए अब वह सोशल मीडिया को निशाना बना रही है, जहां मोदी सरकार और भाजपा के झूठ की पोल  खोलने की संभावना अब भी मौजूद है. सोशल मीडिया पर सक्रिय जनपक्षधर मीडिया ग्रुपों व पत्रकारों पर इसी कारण कई बहाने बनाकर हमला किया गया है. इस तरह के निर्लज्ज हमले के खिलाफ पूरे देश में प्रेस की आजादी की पुनर्बहाली की मांग पर बड़े-बड़े प्रतिवाद आयोजित हो रहे हैं. इसी कड़ी मे आज साहरघाट मे कार्यक्रम हो रहे हैं, इसके बाद आज ही सोनाई मे कामरेड राम अशिष राम के नेतृव मे इसी तरह के कार्यक्रम होगें. प्रतिवाद सभा को राम अशिष राम, लखींद्र सदाय,राम प्रसाद सहनी,जुड़ी चौपाल,जीबछ मंडल वगैरह ने भी संबोधित किया. 

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