कविता : मेरा सपना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 4 नवंबर 2023

कविता : मेरा सपना

मैंने जो सोचा है

सपने खुद के अपने

पूरा करने का एक

साहस भी अपना सा

नहीं रोक सकता

यह समाज भी अब

मिला है एक मौका

फिर क्यूं न देखूं कोई सपना?

पूरा क्यों न करूं उसको

मान लिया है जिसको अपना

अब रुकना नहीं है

किसी भी डगर पर

मुश्किल चाहे आये

कितना भी सफर में

खुद से रास्ता बनानी है

हर मुश्किल से टकराना है

कहीं नहीं अब रुकना है

सपनों को पूरा करना है





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तानिया

चौरसों, उत्तराखंड

(चरखा फीचर)

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