मधुबनी: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों के खून में राजनीति है। बस उसे जमीन पर उतारने की जरूरत है, जिसका हम प्रयास कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में मेरी जगह यदि कोई और पैदल चल रहा होता, तो शायद ही लोग उसे संज्ञान में लेते। कितने साधु, महात्मा यहां पैदल चले हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को और कुछ समझ में आए या न आए, यहां के लोगों में राजनीति की काफी समझ है। बिहार में लोगों के पास रोजगार नहीं है, पढ़ाई नहीं है, पैसा नहीं है, खेती-किसानी नहीं है, लेकिन पांच आदमी कहीं बैठते हैं, तो वे राजनीति पर खूब चर्चा करते हैं। उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की राजनीति पर गहरी पकड़ है। आपको विश्वास नहीं होगा, हमें गांव में ऐसे भी लोग मिले हैं, जो इजरायल और फिलिस्तीन की बात करते हैं। लोग इजरायल और फिलिस्तीन पर अपनी राय देते हैं, लोगों को उसकी समझ है। अपने बच्चों के शरीर पर कपड़ा कैसे होगा, इसकी समझ नहीं है, लेकिन बिहार के गांव-गांव में लोगों को ये समझ है कि यूक्रेन में क्या हो रहा है। बिहार और यूपी के लोगों के खून में राजनीति है, खाली उसे धरातल पर उतारने की बात है। गुजरात में बच्चे को जन्म से ही धंधे की जानकारी दी जाती है। उसे पता है कि पैसे कैसे कमाने हैं।
हम ये संकल्प लेकर आए हैं कि चाहे दो वर्ष लगे या 10 वर्ष, बग़ैर किए मानेंगे नहीं
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हम उन लोगों में से नहीं हैं कि जोश में आए और लग गए। हमको पता है कि यहां जातिवाद है। हम सब सोच-समझकर आए हैं। हम ये संकल्प लेकर आए हैं कि चाहे दो वर्ष लगे या 10 वर्ष, किए बगैर मानेंगे नहीं। एक बार अगर ठान लिया, तो दुनिया में कोई डिगा नहीं सकता है। बता दें कि रविवार को प्रशांत किशोर मध्य विद्यालय नगवास में प्रबुद्ध लोगों के साथ चर्चा कर नगवास बाज़ार होते हुए करही पोखर चौक, नवकरही, जमौरी, विष्णुपुर, सिंहवाड़ा होते हुए अरेर हाई स्कूल सिंहवाड़ा में रात्रि विश्राम किया।
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