- 14 वें वित्त आयोग ने खारिज की विशेष राज्य की अवधारणा
- चुनाव निकट देख विशेष दर्जा पर राजनीति शुरू करते हैं नीतीश कुमार
- केंद्रीय मदद से ही हुए बड़े विकास, 2.5 करोड़ लोगों की गरीबी दूर हुई
- कई मेगा ब्रिज, 6- लेन सड़कें, पटना-दरभंगा एयरपोर्ट विस्तार क्या केंद्रीय सहायता नहीं?
मोदी ने कहा कि जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद केंद्र सरकार में ताकतवर मंत्री रहे, तब इन लोगों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया ?उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ से अधिक राशि खर्च कर बिहार में जो आधा दर्जन से ज्यादा मेगा ब्रिज और 4-लेन,6- लेन सड़कों का नेटवर्क तैयार हो रहा है, वह क्या केंद्रीय मदद नहीं है? मोदी ने कहा कि बिहार में जो भी बड़ा ढांचागत विकास हुआ, वह विशेष आर्थिक पैकेज और केंद्र की सहायता से संभव हुआ। इससे बिहार के हजारों परिवारों को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि क्या बिना केंद्रीय मदद के राज्य के 2.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए? केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा 1.02 लाख करोड़ की राशि मिलती है। क्या यह केंद्रीय सहायता नहीं है? मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये खर्च कर बरौनी खाद कारखाना का आधुनिकीकरण कर इसे फिर चालू कराया। उन्होंने कहा कि यदि विकास की चिंता होती तो नीतीश कुमार उनके साथ नहीं जाते, जिनके शासन में बरौनी सहित कई कारखाने बंद हुए, बेरोजगारी तेजी से बढ़ी और पलायन की नौबत आयी । श्री मोदी ने कहा कि दरभंगा , बिहटा और पटना एयरपोर्ट का विस्तार क्या बिना केंद्रीय सहायता के संभव था?
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