मधुबनी: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अभिनेत्री अक्षरा सिंह के जन सुराज का संस्थापक सदस्य बनने पर बयान देते हुए कहा कि जन सुराज का प्रयास ही है कि बिहार में हर वो व्यक्ति जो चाहता है कि सूबे में नई व्यवस्था बने, सुधार हो, शिक्षा हो, रोजगार हो। जो इस 30 से 40 सालों से चल रहे कुशासन से त्रस्त हो गया है और बिहार को सुधारने के लिए जो भी कंधा लगाना चाहता है उसका स्वागत है। इस दिशा में बिहार की बेटी अक्षरा सिंह ने सोमवार को जन सुराज ज्वाइन किया है और उनके इस फैसले का स्वागत है। अक्षरा सिंह ने भी कहा है कि जन सुराज कोई दल नहीं है, अभियान है और हर वो व्यक्ति जो बिहार में सुधार चाहता है उसकी ये जिम्मेदारी है कि वो इस व्यवस्था से जुड़े और अपना कंधा लगाए। बिहार में आप चाहे पत्रकार हैं, किसान हैं या फिर कलाकार हैं, सबकी ये जिम्मेदारी है कि बिहार को बदलने के लिए हमें जागना पड़ेगा।
बिहार को सुधारने के लिए बिहार के लोगों को ही करना होगा प्रयास
मधुबनी के जफरा में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार को सुधारने के लिए नहीं कंधा लगाएंगे तो लिखकर रखिए कि जिस गरीबी और बदहाली में हम सब की जिंदगी बीती है उसी गरीबी और बदहाली में हमारे बच्चों का भी जीवन बीतेगा। पंजाब और केरल के लोग बिहार को नहीं सुधरेंगे। बिहार को सुधारने के लिए बिहार के लोगों को ही प्रयास करना होगा। मुझे खुशी है कि अक्षरा सिंह जैसी महिला जो बिहार की बेटी है जिन्होंने सारे दलों को छोड़कर जन सुराज के अभियान में जुड़ी है और मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं।
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