इस संबंध में जानकारी देते हुए सिख समाज के सचिव राजेन्द्र सिंह लांबा ने बताया कि गुरुनानक जयंती का पर्व समाज के द्वारा उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। शनिवार की सुबह गुरुद्वारे में सुबह साढ़े नौ बजे अखंड पाठ का शुभारंभ किया जाएगा और वहीं पाठ का समापन पूर्णिमा पर सुबह साढ़े नौ बजे किया जाएगा। इसके पश्चात सुबह ग्यारह बजे लंगर लगाया जाएगा और शाम को नगर कीर्तन का भव्य समारोह निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव जी का जन्म पंजाब प्रांत के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था। जो कि आज पाकिस्तान में है और सिख समुदाय के लिए लोगों के लिए यह स्थान पूजनीय है, अब इस स्थान पर ननकाना साहिब गुरुद्वारा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन उनका जन्मदिन होता है। इसलिए इसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। गुरु नानक देव का 16 साल की उम्र में ही विवाह हो गया था लेकिन पुत्रों के जन्म के बाद वह अपने साथियों के साथ तीर्थ यात्रा पर निकल गए। उन्होंने भारत समेत अफगानिस्तान, फारस और अरब के कई देशों की यात्रा की थी, गुरु नानक देव ने दुनियाभर के कई हिस्सों की यात्रा करते हुए जीवन व्यतीत किया। गुरु नानक देव जी ने समाज को एकता में बांधने और जाति-धर्म के भेदभाव को मिटाने के लिए कई उपदेश दिए।
सीहोर। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि बहुत ही खास होती है और इसे कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है और यह दिन एक अन्य वजह से भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरु नानक देव जयंती मनाई जाती है और सिख समुदाय के लिए यह एक बहुत बड़ा पर्व होता है। सिख समुदाय में गुरु नानक देव जयंती को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारा में भजन-कीर्तन होते हैं और गुरुग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है। इसको लेकर विगत नौ नवंबर से सिख समाज के द्वारा प्रतिदिन प्रभात फेरी निकाली जा रही है। शुक्रवार को प्रभात फेरी का समापन किया गया था। इस मौके पर शहर में निकाली गई जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए गुरुद्वारे पर पहुंची। जहां पर सिख समाज के अध्यक्ष गुरुमीत सिंह दुआ, संरक्षक अमिता अरोरा, चरण जीत चन्ना, महेन्द्र खनूजा, जसपाल सिंह खजूजा, सोनी सेठी विरेन्द्र सिंह रतन आदि मौजूद थे।
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