वाराणसी : सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज को भेंट की गयी चेतना प्रवाह पत्रिका छत्रपति शिवाजी विशेषांक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 24 नवंबर 2023

वाराणसी : सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज को भेंट की गयी चेतना प्रवाह पत्रिका छत्रपति शिवाजी विशेषांक

  • भविष्य के भारत निर्माण की दिशा तय करेगा वीर शिवाजी का व्यक्तित्व : यतींद्रानंद
  • पांचवे दिन की मुख्य अतिथि राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल होंगी, आज का मंचन सुल्तानपुर एवं अमेठी के सुधी दर्शक देखेगें 

Shivaji-visheshank-magazine
वाराणसी (सुरेश गांधी) जाणता राजा महानाट्य मंचन के दौरान विश्व संवाद केंद्र काशी द्वारा प्रकाशित चेतना प्रवाह के हिन्दवी स्वराज विशेषांक संत समाज को काशी प्रांत प्रचारक रमेश जी एवं पत्रिका के प्रबंध संपादक नागेंद्र द्विवेदी भेंट किया गया। पूज्य सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज ने कहा कि यह विशेषांक शिवाजी महाराज के सम्पूर्ण जीवन पर एवं उनसे जुड़े सभी महापुरुषों, सहयोगियों और योद्धाओं को समेटे हुए है। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि हिंदवी स्वराज विशेषांक से वर्तमान पीढ़ी शिवाजी की कुशल रणनीतियों से परिचित होगी। उक्त विशेषांक जाने माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं विद्वान प्रो.ओम प्रकाश पांडेय के अतिरिक्त अन्य अतिथियों को भी भेंट किया गया।


जाणता राजा महानाट्य के चौथे दिन शुक्रवार को मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर पूज्य सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज ने कहा कि जाणता राजा महानाट्य मंचन के जरिए महानायक छत्रपति वीर शिवाजी के चरित्र का वर्णन हो रहा है। वीर शिवाजी की जरूरत तब भी थी, आज भी है और भारत को हमेशा रहेगी। वीर शिवाजी के व्यक्तित्व से निर्मित युवा चेतना भारत को विश्व गुरु बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। मैकाले की शिक्षा व्यवस्था के कारण आज की पीढ़ी मानसिक गुलामी की तरफ बढ़ रही है, ऐसे में शिवाजी जैसा व्यक्तित्व ही युवाओं को प्रेरणा देकर एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण करते हुए आदर्श समाज की स्थापना करने में सहायक होगा। आज के आधुनिक जमाने में शिवाजी युग को जीवंत करना एक चुनौती से कम नहीं है। परंतु भव्य मंच, बेहतर लाइट साउंड और उत्तम संवाद के साथ भारी भरकम स्टार कास्ट ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र को आंखों के सामने जीवंत कर दिया। वीर शिवाजी का अनुकरणीय युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। कौशांबी एवं प्रतापगढ़ के जनमानस ने जाणता राजा का मंचन देखा। सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज ने बताया कि जब मात्र 175 सैनिकों से कम संख्या होने के बावजूद भी वीर शिवाजी ने पठानों के लाखों सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए तो उनसे किसी ने पूछा कि यह कारनामा कैसे मुमकिन है। शिवाजी महाराज ने उन्हें अपने गुरुदेव के दर्शन करा कर कहा कि मैं तो साधारण बालक था लेकिन मुझे मेरे गुरुदेव व मां ने शिवाजी बनाया है। इन्हीं की प्रेरणा से हिंदवी साम्राज्य की स्थापना साकार हो सकी है।  मंच से जय भवानी का जयकारा लगाते हुए मुख्य अतिथि के तौर पर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतिंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि जिस दिन युवा हाथ उठाना सीख जाएगा, वह स्वयं शिवाजी के व्यक्तित्व को पा जाएगा। आने वाले नए भारत के निर्माण की दिशा शिवाजी का व्यक्तित्व तय करेगा। शिवाजी के माता की तरह घर-घर प्रत्येक मां को अपने बच्चों में वीर शिवाजी जैसा व्यक्तित्व निर्मित करना होगा, जिससे भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो।


विशेषांक लेने के लिए लोगो में उत्साह

इस मौके पर ं सद्गुरु रितेश्वर जी महाराज को चेतना प्रवाह पत्रिका छत्रपति शिवाजी हिन्दवी स्वराज का विशेषांक प्रान्त प्रचारक रमेशजी एवं चेतना प्रवाह पत्रिका के प्रबंध संपादक नागेंद्र द्विवेदी द्वारा भेट किया गया।, जिसकी मुख्य अतिथ ने सराहना करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी हिंदवी स्वराज पत्रिका भविष्य के युवा भारत निर्माण की दिशा और दशा दोनों को तय करेगा। हिंदवी स्वराज विशेषांक के वितरण काउंटर पर विशेषांक लेने के लिए लोगों में उत्साह दिखा। मंचन देखने आए दर्शकों ने कहा कि नाट्य देखने के बाद विशेषांक के माध्यम से शिवाजी के जीवन चरित को अपने जीवन में उतारने का यह अच्छा अवसर है।


 हिंदू हैं तो हिंदू जैसा आचरण रखें

विशिष्ट अतिथि मां अन्नपूर्णा मंदिर महंत पूज्य शंकर गिरी जी महाराज ने कहा कि मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद की तरह प्रत्येक मां का आशीर्वाद मिलना चाहिए, तभी हर बालक में वीर शिवाजी जैसा साहसी व्यक्तित्व जन्म लेगा। वर्तमान समय में हिंदू समाज को विधर्मियों से सतर्क रहकर अपना कर्म करना होगा और हिंदू है तो हिंदू का आचरण अपनाना होगा। माथे पर टिका, हाथों में कलेवा आदि पूर्व के संस्कार अपने होंगे। अपने साथ परिवार एवं समाज में भी हिंदू संस्कार पर विशेष ध्यान देना होगा। महंत शंकर गिरी जी महाराज ने उपस्थित हजारों लोगों से अपील किया कि एक रोटी कम खाएं लेकिन संस्कारवान बनें। इस अवसर पर सांसद प्रतापगढ़ विनोद सोनकर, सांसद कौशांबी अभय कुमार ओझा, पूर्व विधायक रानीगंज पूर्णांशु ओझा, समाजसेवी डॉ राकेश सिंह, शिव प्रकाश मिश्र, जितेंद्र सोनकर, आयोजन सचिव अनिल किजडवेकर, आयोजन समिति के अध्यक्ष अभय सिंह, सेवा भारती काशी के अध्यक्ष राहुल सिंह, जियुत राम विश्वकर्मा, हरिनारायण विसेन, विपिन सिंह, डॉ राकेश तिवारी, डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र, डॉ मनीष त्रिपाठी, पवन मिश्र, हरेन्द्र राय, सौरभ राय आदि थे। कार्यक्रम का संचालन सतीश जैन ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं: