पुलिस के अनुसार अब तक इस मामले में शूटर समेत 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। नीलेश मुखिया के परिवार की ओर से तीन भाइयों गोरख राय, पप्पू राय, धप्पू राय को मुख्य आरोपी बनाया गया था। पटना पुलिस के मुताबिक नीलेश मुखिया की हत्या वर्चस्व की लड़ाई में की गई थी। इसके लिए 25 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। घटना के पहले से ही तीनों भाइयों ने पटना शहर छोड़ दिया था। हत्या के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी। पटना सिटी एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि जेल भेजे गए विशाल कुमार उर्फ अजय राय ने पूछताछ के दौरान बताया कि इस पूरे कांड के मुख्य षड्यंत्रकर्ता पप्पू, धप्पू और गोरख राय थे। इन लोगों की ओर से 25 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। इसी मामले में गोरख राय की गिरफ्तारी झारखंड के लोहरदगा जिले से हुई है। सूत्रों के मुताबिक फरारी काटने के दौरान गोरख राय, पप्पू राय के कांटेक्ट में था। पुलिस की पूछताछ में गोरख राय ने स्वीकार किया है कि इस घटना में उसकी संलिप्तता थी। वर्चस्व की लड़ाई को समाप्त करने के लिए उसने अजय राय को पैसे दिए थे। कोर्ट में एक से दो दिन में गोरख राय को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन देगी। ताकि गोरख राय से फिर से पप्पू राय और धप्पू राय के संभावित ठिकानों की जानकारी ली जा सके।
पप्पू राय के नेपाल भागने की आशंका
हत्या के बाद तीनों भाई झारखंड चले गए थे। गोरख राय की गिरफ्तारी के बाद पप्पू और धप्पू राय के नेपाल भाग जाने की सूचना है। पटना पुलिस नेपाल पुलिस के संपर्क में है। पटना पुलिस की टीम नेपाल जा कर इन दोनों भाइयों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करेगी। 31 जुलाई को पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में नीलेश मुखिया के अपने कार्यालय जाने के दौरान अपराधियों ने गोली मार दी थी। कुछ दिन पटना में ही नीलेश का इलाज चला। हालत खराब होने पर बेहतर इलाज के लिए नीलेश को दिल्ली भेजा गया था। दिल्ली में ही 24 अगस्त को इलाज के दौरान नीलेश की एम्स में मौत हो गई थी।
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