भाजपा का यह कार्यक्रम पहले से तय था, लेकिन अमित शाह के मुजफ्फरपुर में दिये गये यादव से जुड़े बयान के बाद इसका का महत्व बढ़ गया। कुछ दिन पहले भाजपा के सांसदों और विधायकों की बैठक में अमित शाह के बयान पर क्षोभ भी व्यक्त किया गया था। अमित शाह के बयान से यादवों में फैले आक्रोश को पाटने के माध्यम के रूप में भी इस समारोह का इस्तेमाल किया गया। यही कारण था कि पार्टी के सभी प्रमुख नेता यदुवंशी मिलन समारोह में शामिल हुए और यादवों के प्रति भरोसा जताया। उधर, जिस कार्यक्रम में लालू यादव शामिल हुए थे, उसका आयोजन श्रीकृष्ण चेतना समिति, कंकड़बाग की ओर से किया गया था। इसका आयोजन ही भाजपा के कार्यक्रम के जवाब के लिए किया गया था। राजद प्रमुख लालू यादव ने इस मंच का इस्तेमाल भाजपा नेताओं पर हमला करने के लिए किया। भाजपा के आयोजन से बिहार के यादव राजनीति में सरगर्मी बढ़ गयी है। लालू यादव ने भाजपा नेताओं के आरोप पर पलटवार कर उनकी महत्ता बढ़ा दी है। भाजपा की राजनीति में तिरोहित हो रहे नित्यानंद राय को फिर से चमकदार बना दिया है। अब बिहार के साथ राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बढ़ेगा। इन दोनों कार्यक्रमों के माध्यम से वोट की भट्ठी में यादवों को झोंक दिया गया है। अब दोनों ओर से मुद्दे सुलगाए जाएंगे। आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज होगा। दोनों ओर से पैसे भी खूब झोंके जाएंगे, क्योंकि दोनों खेमों में धन पशुओं की कमी नहीं है। टिकट खरीदने वालों की कतार छोटी नहीं है। हम लालू जी और नित्यानंद जी, दोनों को बताना चाहते हैं कि वीरेंद्र यादव न्यूज पौने 2 करोड़ से अधिक यादवों के स्वाभिमान और 13 करोड़ बिहारियों की प्रतिनिधि पत्रिका है। दोनों नेता अपने धन पशुओं से कुछ पैसा वीरेंद्र यादव न्यूज को भी चंदा यानी कंट्रीब्यूशन के रूप में दिलवाने का कष्ट करें, ताकि पत्रिका का निर्बाध और नियमित प्रकाशन होता रहे। यह पत्रिका के पाठकों के चंदा से ही प्रकाशित होती है और अपना सौवां अंक विशेषांक इसी महीने की 26 तारीख को प्रकाशित कर रही है।
--- वीरेंद्र यादव ---
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