- कांग्रेस के रडार पर है भाजपा : डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह
पटना। भाजपा उन्माद फैलाकर राजनीतिक रोटी सेकने वाली पार्टी है। इसलिए हमारी सीधी लड़ाई उसकी उन्माद की राजनीति से है। जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं भाजपा में खलबली मच गई। अबतब पूर्व विधायक समेत करीब एक दर्जन से अधिक भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और कई हमारे सम्पर्क में हैं। ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने प्रदेश पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित मिलन समारोह में कही। मालूम हो कि पटना के करीब 51 मंडल, जिला व प्रखंड स्तर के भाजपा नेता और आर.एस.एस. कार्यकर्ता आज कांग्रेस का दामन थाम लिये। इसके लिए सदाकत आश्रम में खास तौर पर मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कार्यकर्ता को तवज्जो देने की परम्परा रही है। हमारी पार्टी में कार्यकर्ता ही सब कुछ है। हमारी सोंच है कि नेता को भी कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करना चाहिए तभी देश का भला होगा। प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा छोड़कर आने वाले कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि इससे पार्टी की जड़ मजबूत होगी। सोमवार को जो लोग भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए उसमें मुख्य रूप से पटना मण्डल भाजपा अध्यक्ष कुणाल, मण्डल सचिव धर्मेन्द्र कुमार, भाजपा प्रवक्ता शालिनी कुमारी, विकास कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, लीला देवी केशरी, शिव कुमार एवं ललन प्रसाद यादव शामिल हैं। भाजपा से आने वाले ज्यादातर कार्यकर्त्ता चुनावी अनुभव रखने वाले हैं जो प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस में आई नयी जान से प्रेरित होकर इसका दामन थाम लिया। इस अवसर पर पटना महानगर कांग्रेस अध्यक्ष शशि रंजन ने दावा किया कि आने वाले दिनों में करीब 500 भाजपा कार्यकर्त्ता कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं जिसकी मुहिम जारी है। मंच का संचालन ब्रजेश प्रसाद मुनन ने किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के कई नेता शरीक हुए जिसमें प्रमुख हैं-विधायक बिजेन्द्र चैधरी, आनन्द शंकर, संतोष मिश्रा, ब्रजेश पाण्डेय, कपिल देव प्रसाद यादव, राजकुमार राजन, निर्मल वर्मा, राजेश राठौड़, शशि रंजन, विनोद शर्मा, कैलाश पाल, लाल बाबू लाल, विनोद यादव, डा0 सत्यजीत सिन्हा, असित नाथ तिवारी, सुमन कुमार मल्लिक, संजय यादव, धर्मवीर शुक्ला, असफर अहमद, ज्ञान रंजन, राजेश कुमार सिन्हा, निधि पाण्डेय।
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